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अब फ्लाइट में भी मिलेगा Wi-Fi , मस्क के रॉकेट ने इसरो का सैटेलाइट GSAT-N2 किया लॉन्च
India GSAT-N2 Communication Satellite Launched : एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस एक्स कंपनी (SpaceX Company) ने 18 नवंबर की आधी रात फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9 Rocket) से भारत के जीसैट-एन2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट (GSAT-N2 Communication Satellite) को लांच किया। 4700 किलो वजनी सैटेलाइट 14 साल के मिशन के लिए बनाया गया है। इसे जियो स्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट से स्थापित किया गया है। ये पहला मौका है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पहली बार किसी अमेरिकी कारोबारी की कंपनी की मदद से अपना कम्युनिकेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा हो।
फ्लाइट के अंदर वाई-फाई सर्विस
ये सैटेलाइट हाई स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी (High Speed Broadband Internet Connectivity) और डिजिटल वीडियो-ऑडियो ट्रांसमिशन उपलब्ध कराएगा। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे हवाई जहाज में उड़ान में दौरान मोबाइल इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी। वर्तमान में जब इंटरनेशनल फ्लाइट भारत के एयर स्पेस में दाखिल होती हैं, तो उन्हें इंटरनेट बंद करना पड़ता है, क्योंकि भारत इस सेवा की अनुमति नहीं देता हैं, लेकिन, हाल ही में भारत ने उड़ान के दौरान देश में इंटरनेट की सुविधा देने के लिए नियमों में संशोधन किया है, नए नियमों के अनुसार 3 हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर वाई-फाई सर्विस (Wi-Fi Service Can Be Provided Inside The Flight) दी जा सकती हैं, हालांकि, यात्री इस सर्विस का इस्तेमाल तभी कर पाएंगे, जब फ्लाइट में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल की परमिशन होगी ।
दूरदराज के इलाकों में कम्युनिकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया
GSAT-20 सैटेलाइट को खासतौर पर दूरदराज के इलाकों में कम्युनिकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन (GSAT-20 Satellite Improve Communication System) किया गया है। यह अनिवार्य रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा देगा। ये सैटेलाइट 48kpbs की स्पीड से इंटरनेट (Satellite Will Provide Internet At Speed of 48 kbps) देगा। इस सैटेलाइट से अंडमान-निकोबार आईलैंड, जम्मू-कश्मीर और लक्षद्वीप सहित दूरदराज के भारतीय क्षेत्रों में कम्युनिकेशन सर्विस मिलेगी।
Deployment of @NSIL_India GSAT-N2 confirmed pic.twitter.com/AHYjp9Zn6S
— SpaceX (@SpaceX) November 18, 2024
अभी भारत के रॉकेट्स में 4 टन से ज्यादा भारी सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की क्षमता नहीं है। इसलिए ISRO ने एलन मस्क की स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया। इससे पहले ISRO हेवी सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए फ्रांस के एरियनस्पेस कंसोर्टियम (France Arianespace Consortium) पर निर्भर था।
-पंकज शर्मा