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चंबाः मुफलिसी की ऐसी दर्दनाक दास्तां, सुन कर कांप जाती है रूह-कहां हैं सरकारी योजनाएं
Last Updated on February 9, 2020 by Sintu Kumar
चंबा। यह दर्द 21वीं सदी के उस परिवार का है, जिनकी जिंदगी जानवरों से भी बदतर हो गई है। कहने को 5 लोगों का ये परिवार इस घर में रहता है, लेकिन घर ऐसा कि खंडहर भी इससे कुछ अच्छा। इसे मजबूरी ही कह सकते हैं कि घर रहने लायक नहीं, घर में 70 साल से बिजली नहीं और मवेशियों के साथ रहने को मजबूर हैं। जब जिंदगी जानवरों के साथ कट रही हो तो बिजली की सुविधा तो दूर की कौड़ी है।
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चुराह विधानसभा (Churah Vidhansabha) के दूरदराज इलाका चान्जु पंचायत के लुनेख गांव के रहने वाले डील राम की हालत काफी दयनीय है। आजादी के 70 साल चुके हैं और आज हम 21वीं शताब्दी में 4जी का युग में जी रहे हैं, लेकिन इस परिवार को आज तक घर में बिजली नसीब नहीं हुई है। इससे भी बड़ी बात यह है कि उक्त परिवार एक ही कमरे में माल मवेशियों के साथ रहने को मजबूर है। इसी एक छोटे से कमरे में यह परिवार खाना बनाता भी है और खाना खाता भी है, लेकिन जब कोई मेहमान आता है तो परिवार को बेहद ही शर्मिंदगी से लाचार होना पड़ता है। सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं, उनमें से किसी भी योजना का रास्ता डील राम के घर से होकर नहीं गुजरता है।
गलती पंचायत प्रतिनिधियों की कहें या सरकार की मगर यह परिवार दयनीय जिंदगी जी रहा है।
चान्जु पंचायत की लुनेख गांव की यह तस्वीर सब के दावों पर पानी फेरने का काम कर रही हैं। अब यह परिवार इतना परेशान हो चुका है कि सरकार से मौत मांग रहा है। डील राम जैसे लोगों को मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना का भी लाभ नहीं मिला। जब डील राम के परिवार से बात करने की कोशिश की तो उनका दर्द उनकी आंखों से साफ झलकता रहा। उन्होंने पंचायत से लेकर विधायक तक मंत्री से लेकर सरकार तक सभी के वादों को खोखला बताया।
डील राम और उनके परिवार के मुताबिक उन्हें आजादी के बाद से बिजली नसीब नहीं हुई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, पीएम आवास योजना, पीएम उज्जवला योजना जैसी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि वह एक ही कमरे में माल मवेशियों के साथ रहने को मजबूर हैं। डील राम के दामाद गिरधारी लाल ने बताया कि वह अपने ससुराल में आए हुए हैं और यहां की हालत ठीक नहीं है। उन्होंने सरकार से उनके ससुराल की मदद की गुहार लगाई।