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JNU घटनाः शिमला में विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन, हमीरपुर में NSUI-ABVP में घमासान
Last Updated on January 7, 2020 by Deepak
शिमला/हमीरपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जिला शिमला इकाई द्वारा जेएनयू (JNU) हिंसा को लेकर वामपंथी छात्र संगठनों के खिलाफ में डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। विद्यार्थी परिषद जिला संयोजक सचिन ने कहा कि वामपंथी संगठन देश में अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं, पिछले काफी लंबे समय से वामपंथी जेएनयू (JNU) में फीस वृद्धि के विरोध में अपने निजी एजेंडे को साधने का प्रयास कर रहे थे। आम छात्र जब रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने जा रहे थे तब उनके ऊपर रॉड व डंडों के साथ मास्क धारी वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई (SFI), एआईएसए (AISA) और डीएसएफ (DSF) से जुड़े छात्रों ने हमला कर दिया। इस हमले में अनेकों विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी घायल हुए, जिन्हें बाद में एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। इसमें विद्यार्थी परिषद के कुल 25 कार्यकर्ता घायल हुए, जिनमें 4 कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विद्यार्थी परिषद यही मांग करती है कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा नहीं किया क्या तो विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में आंदोलन को और उग्र करेगी।
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वहीं, जेएनयू में छात्रों पर हुई हिंसक घटना पर हमीरपुर में छात्र संगठनों में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। हमीरपुर में जहां एनएसयूआई (NSUI) ने हिंसा के पीछे केंद्र सरकार को दोषी ठहराया और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर इस तरह की घटनाओं पर अकुंश लगाने की मांग की है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इस हिंसा के लिए एसएफआई को दोषी करार दिया। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष टोनी ठाकूर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर बेकसुर छात्रों पर अत्याचार किया है और इस दौरान पुलिस भी मुकदर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि सरकार छात्र वर्ग को दबाने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन, एनएसयुआई (NSUI) ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाए अन्यथा छात्र सड़कों पर उतर का उग्र आंदोलन करेंगे।
वहीं, हमीरपुर के गांधी चौक पर अभाविप (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने एसएफआई के खिलाफ नारेबाजी की। अभाविप के कालेज इकाई अध्यक्ष हन्नी शर्मा ने एसएफआई पर जेएनयू में माहौल को खराब कर उसका दोष अभाविप पर लगाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एसएफआई हर बार हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर उसके लिए विद्यार्थी परिषद को बदनाम करती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार भी छात्रों के साथ भेदभाव कर रही है और जेएनयू में हिंसा सोची समझी साजिश है।