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डमटाल। हिमाचल के कांगड़ा (Kangra) जिला में पिछले 40 वर्षों से सरकारी भूमि पर कब्जा (Encroachment) जमाए बैठाए लोगों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। इन लोगों के घरों को प्रशासन ने जेसीबी (JCB) की मदद से धराशायी कर दिया है। वहीं करीब 44 कनाल उपजाऊ सरकारी भूमि पर बीजी गई गेहूं की फसल को भी अपने कब्जे में ले लिया है। मामला खंड इंदौरा की पंचायत मंड घण्ड्रा का है। प्रशासन ने यह कार्रवाई एसडीएम (SDM) इंदौरा के नेतृत्व में की। इंदौरा प्रशासन ने 2 घरों को जेसीबी की मदद से गिरा दिया और करीब 44 कनाल उपजाऊ करोड़ों की सरकारी भूमि को अवैध कब्जा धारियों के चुंगल से छुड़वाया।
बता दें कि तहसीलदार कार्यालय इंदौरा में चल रहे केस के ऊपर सरकारी भूमि पर किए अतिक्रमण मामले में इंदौरा के नायब तहसीलदार मदन कुमार ने सरकारी भूमि पर बनाए घरों और कृषि के लिए उपयोग में लाई जा रही भूमि से कब्जा हटाने के आदेश जारी किए थे। उसके बाद अवैध कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर घर और जमीन से कब्जा छोड़ने बारे बताया गया था। लेकिन इन लोगों ने समय सीमा समाप्त होने तक घरों और जमीन से कब्जा नहीं छोड़ा जिसके चलते ही एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम, नायब तहसीलदार मदन कुमार, लोक निर्माण व राजस्व विभाग के अधिकारी, थाना इंदौरा के प्रभारी सुरिंदर धीमान भारी पुलिस बल के साथ मौका पर पहुंचे और लोक निर्माण विभाग (PWD) की जेसीबी मशीन से सरकारी भूमि पर बने घरों को गिरा दिया। सरकारी भूमि जिस पर गेहूं की फसल उगाई गई है, को अवैध कब्जाधारियों के चुंगल से प्रशासन ने छुड़वाया। यह कार्रवाई लेख राज पुत्र मुल्ला राम, यशपाल पुत्र अमरनाथ, सतपाल पुत्र अमरनाथ सभी वासी पंचायत घण्ड्रा, गांव मंड, घण्ड्रा वार्ड नंबर 7 पर की गई है।
पिछले 40 सालों से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर के बैठे 3 परिवारों के सदस्यों ने एसडीएम से कुछ समय मांगा है। वहीं, एसडीएम इंदौरा ने छोटे बच्चों और महिलाओं व सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए अपने उच्चाधिकारियों से बात कर एक घर को ना तोड़ते हुए अगले 10 दिनों का समय दिया है। एसडीएम के मुताबिक आगामी 10 दिनों के अंदर व घर खाली कर दें और सरकारी भूमि से अपना कब्जा छोड़ दें। वहीं छुड़वाई गई 44 कनाल कृषि योग्य उपजाऊ भूमि पर लगी गेंहू की फसल को प्रशासन नीलाम करेगा और भूमि को प्रशासन लीज पर देगा। जिससे सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
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