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विधानसभा में दो विधेयक पास, जज बनेंगे लोकायुक्त और मंडी को मिली यूनिवर्सिटी
Last Updated on December 15, 2021 by admin
धर्मशाला। विधानसभा में मंगलवार को ध्वनिमत से दो विधेयक पास हो गए। सबसे पहले शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Suresh Bhardwaj) ने लोकायुक्त संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए सदन में प्रस्तुत किया। लोकायुक्त संशोधन विधेयक को लेकर माकपा विधायक राकेश सिंघा (Rakesh Singha) ने सदन में संशोधन प्रस्तुत किए। संशोधनों पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए राकेश सिंघा ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में विधेयक के पारित होने की स्थिति में इसके गंभीर राजनीतिक और कानूनी परिणाम होंगे। इसका राजनीतिक खामियाजा बीजेपी (BJP) को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम का ओहदा हाई कोर्ट (High Court) के मुख्य न्यायाधीश से कम नहीं। लिहाजा मुख्य न्यायाधीश से नीचे के न्यायाधीशों द्वारा सीएम (CM) के खिलाफ जांच किए जाने की स्थिति में हम पद की गरिमा को गिरा रहे हैं। उन्होंने लोकायुक्त कानून में सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की। संशोधन विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने की विपक्ष की मांग नामंजूर किए जाने से नाराज विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट (Walkout) किया। चर्चा का उत्तर देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में लोकायुक्त का पद काफी समय से खाली पड़ा है। सरकार इस पद को भरना चाहती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Superem Court)और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति कॉलेजियम के माध्य़म से की जाती है। कई बार सरकारें सीएम के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी अथवा न्यायिक जांच के आदेश देती है। उस स्थिति में भी जज ही मामले की जांच करते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन कानून के तहत दर्ज मामलों में सीएम और मंत्रियों को सत्र न्यायालय में भी पेश होना पड़ता है। लिहाजा यह कहना जायज नहीं कि लोकायुक्त के पद पर हाई कोर्ट की जज की नियुक्ति से सीएम के पद की गरिमा घटेगी। उन्होंने सदन में संशोधन कानून पारित करने का आग्रह किया। इसके बाद विपक्ष की गैर मौजूदगी में ध्वनिमत से लोकायुक्त संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया।
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मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय का रास्ता साफए विधानसभा में विधेयक पास
सीएम के गृह जिला मंडी (Mandi) में प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश विधानसभा ने आज सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी, हिमाचल प्रदेश स्थापना और विनियमन विधेयक 2021 को बहुमत से पारित कर दिया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर (Education Minister Gobind Thakur) ने घोषणा की कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जितना भी धन अपेक्षित होगाए उसका वर्ष 2022-23 के बजट में प्रावधान कर दिया जाएगा। कांग्रेस के जगत सिंह नेगी ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी को चुनावी स्टंट करार दिया और कहा कि सरकार इस तरह की अधूरी घोषणाएं कर लोगों के दिल नहीं जीत सकती।
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नहीं बढ़ेगी आय सीमाए विपक्ष ने घेरी सरवीन
आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए आय सीमा 35 हजार रुपए ही रहेगी। इस आय सीमा को बढ़ाने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं है। यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी (Sarveen Choudhary)ने विधायक इंद्रदत्त लखनपाल (MLA Indradutt Lakhanpal), सतपाल रायजादा (Satpal Raizada) व अरुण कुमार (Arun Kumar) के संयुक्त सवाल के जवाब में दी। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न तरह की पेंशन में पिछली सरकार से दोगुना बजट दिया जा रहा है। उन्होंने अपने विभाग की कुछ उपलब्धियां गिनाई, लेकिन विपक्ष के विधायक प्रश्न का जवाब न देने के कारण उनसे नाराज हो गए और हंगामा करने लगे। विपक्षी विधायकों का कहना था कि जो सवाल किया हैए मंत्री उसका जवाब दे और सदन का समय बर्बाद न करे।
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ठेकेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Mahendra Singh Thakur) ने कहा कि जानबूझ कर सड़कों का काम लंबित करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधायक रोहित ठाकुर (Rohit Thakur) के सवाल के उत्तर में महेंद्र सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के टेंडर पूरी पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से करवाए जाते हैं। इसमें काम को पूरा करने के लिए निश्चित अवधि भी तय होती है। यदि कोई ठेकेदार जानबूझकर काम को लटकाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रोहित ठाकुर ने जुब्बल-कोटखाई की कुछ सड़कों के काम लंबित होने का मामला उठाया था। उनका कहना था कि एक ही ठेकेदार को कई काम आबंटित कर दिए हैं। पूर्व सरकार के समय से चले आ रहे यह काम अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं।
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किराए के कमरे में चल रहे जयनगरए दाड़लाघाट कालेज
सदन में अर्की के नवनिर्वाचित विधायक संजय अवस्थी (Sanjay Awasthi) ने अपना पहला सवाल किया। उन्होंने जयनगर और दाड़लाघाट कालेज का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दोनों जगहों पर कालेज किराए के मकान में चल रहे हैं। बरसात के दिनों में छात्रों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। इसके अलावा कालेज में शौचालय न होने से उन्हें खासी दिक्कत हो रही है। इस सवाल पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जयनगर के लिए पांच करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है और 87 लाख रुपए जारी कर दिया गया है। यह मामला एफसीए क्लीयरेंस में फंसा हैए जिसकी स्वीकृति मिलते ही तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दाड़लाघाट कालेज को 2ण्26 करोड़ जारी कर दिया है। उन्होंने शौचालयों का शीघ्र निर्माण करने के आदेश विभाग को जारी कर दिए हैं।
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घाटे में चल रहे सरकारी डिपो होंगे बंद
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग (Rajendra Garg) ने बताया कि प्रदेश में 72 सरकारी डिपो घाटे में चल रहे हैं। इनमें से 13 डिपुओं को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दुकानों को बंद करने से पहले वहां वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही हैए ताकि लोगों को दिक्कत न हो। वे धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया (Vishal Naihariya) के सवाल का जवाब दे रहे थे। मंत्री ने बताया कि धर्मशाला में भी 3 ऐसी दुकानें हैए जिन्हें बंद किया जाना हैए लेकिन इससे पहले जनहित में वैकल्पिक इंतजाम किया जाएगा।
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