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वीरभद्र के बाद अब कौन हिमाचल कांग्रेस का कर्णधार बन नैया लगाएगा पार?
शिमला। हिमाचल के छह बार सीएम रह चुके वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के निधन के बाद कांग्रेस के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। सबसे बड़ा सवाल जो वीरभद्र सिंह के जाने के बाद खड़ा हो चुका है वो यह है कि आखिर कौन अब हिमाचल कांग्रेस का कर्णधार बन नैया पार लगाएगा, क्योंकि 1983 से हिमाचल की राजनीति में वीरभद्र सिंह की एंट्री के बाद सियासत उन्हीं के इशारों से चलती रही। कौल सिंह ठाकुर और विद्या स्टोक्स, जीएस बाली (Kaul Singh Thakur, Vidya Stokes, GS Bali) जैसे नेताओं ने अपनी जगह और नाम तो कमाया, लेकिन वीरभद्र सिंह के आगे इनकी भी एक नहीं चली।
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हाल यह कि तीनों ही नेता मौजूदा विधानसभा तक नहीं पहुंच पाए। ऐसे में हिमाचल विधानसभा चुनावों (Himachal Assembly Elections) से डेढ़ साल पहले वीरभद्र सिंह की दुनिया से विदाई अब कांग्रेस के लिए नई लीडरशीप की चुनौती भी है। अंदरखाते वीरभद्र सिंह के खिलाफ जरूर कांग्रेस के नेता मुखर होते रहे, लेकिन सार्वजनिक तौर पर वो कभी भी वीरभद्र सिंह के खिलाफ एक शब्द नहीं फूट पाए, क्योंकि वीरभद्र सिंह अपने पुराने अनुभव लंब राजनीतिक करियर के वजूद से सभी को बौना साबित कर देते थे।
1983 से हिमाचल की राजनीति में वीरभद्र सिंह का सीधा दखल रहा। अब वीरभद्र सिंह के बाद हिमाचल कांग्रेस के पास मुकेश अग्निहोत्री, जीएस बाली, कौल सिंह ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान, हर्ष महाजन और आशा कुमारी, सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसे पुराने नाम तो हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह कि इन्हें एकजुट करने के लिए कौन कर्णधार बनेगा। ऐसे में अब वीरभद्र सिंह की विदाई के बाद होने वाले चार उपचुनाव से ही हिमाचल कांग्रेस के 2022 के कर्णधार की तस्वीर भी साफ होगा।