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नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण देश भर में लॉक डाउन (Lockdown) की स्थिति है और ऐसे में लोग ज्यादा अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस का एक अच्छा असर भी हमारे द्वितीय विश्व युद्द पर पड़ा है। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्द (Second world war) के बाद धरती पर इस समय सबसे शुद्ध हवा चल रही है। इतनी साफ़ हवा की मौजूदगी धरती पर 75 साल बाद देखने को मिली है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा पहली बार होगा कि धरती पर कार्बन उत्सर्जन (carbon emission) सबसे कम होगा। ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के प्रमुख रॉब जैक्सन ने कहा है कि इस साल कार्बन उत्सर्जन में 5 फीसदी की गिरावट आने की उम्मीद है। इससे पहले 2008 की आर्थिक मंदी के समय कार्बन उत्सर्जन गिर कर 1.4 फीसदी हो गया था। रॉब जैक्सन ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय कई देश बंद थे। बाजार, यातायात, उद्योग बंद थे। इसलिए हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया था। फिर वैसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल नवंबर में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि अगर हर साल कार्बन उत्सर्जन में 7.6 फीसदी की गिरावट आए तब जाकर ग्लोबल वॉर्मिंग में 1.5 डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी।
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