-
Advertisement
बिना लाइसेंस के बिक रहीं ऑनलाइन दवाइयां, लोगों की जान को खतरा
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए समय ही नहीं है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो घर का जरूरी सामान, पहनने के लिए कपड़े और दवाइयां ऑनलाइन मंगवाते हैं। हालांकि, अब उनके लिए ऑनलाइन दवाइयां मंगाना मुश्किल हो सकता है। बता दें कि इस संबंध में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (AIOCD) ने कैबिनेट सेक्रेटरी को पत्र लिखा है। उन्होंने कैबिनेट से ऑनलाइन दवा खरीदने को बैन करने की मांग की है।
खतरे में डाल रहे जिंदगी
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने कहा कि ऑनलाइन दवा बेचने वाले दवा खरीदने के मापदंडों को सही तरीके से फॉलो नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते ऑनलाइन दवाइयां खरीदने वाले लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं।
बैन करने की मांग
एओआईसीडी ने ऑनलाइन दवा खरीद और ब्रिकी पर रोक लगाने की मांग की है।
बिक्री पर लगी रोक
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑनलाइन दवा की बिक्री पर बैन लगा दिया था। एओआईसीडी ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2018 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें ई-फार्मेसियों को बिना लाइसेंस के दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
गैर कानूनी तरीके से संचालित
एओआईसीडी ने बताया कि संचालित ई-फार्मेसी 4.5 साल से भी ज्यादा समय से गैर कानूनी तरीके से दवाइयां बेच रही हैं।
नहीं है लाइसेंस
एओआईसीडी ने बताया कि ऑनलाइन दवाइयां बेचने के लिए कंपनियों के पास लाइसेंस नहीं है। ये कंपनियां बिना लाइसेंस के दवा बेच रही हैं।
पालन नहीं करती कंपनियां
एओआईसीडी ने बताया कि ज्यादातर कंपनियां ऑनलाइन दवाइयां बेचने के लिए आईटी एक्ट्स के नियमों का पालन करना हीं करती हैं। जिसके चलते हाईकोर्ट ने उनके विज्ञापन पर रोक लगा दी थी।
नोटिस किए थे जारी
उन्होंने बताया कि हाल ही में नियमों का उल्लंघन करने के लिए ड्रग कंट्रोलर ने 20 बड़ी नामी ऑनलाइन कंपनियों को नोटिस जारी किए थे।