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अनिल बोले- सदन में नहीं पूछूंगा कोई सवाल, सरकारी मकान ना देने पर घेरी सरकार
शिमला। मंडी सदर के बीजेपी विधायक अनिल शर्मा (MLA Anil Sharma) का एक बार फिर दर्द छलका है। अनिल शर्मा ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में एक भी सवाल नहीं पूछा है। अनिल शर्मा ने कहा कि यह पहला मौका है जब उन्होंने सत्र में कोई सवाल नहीं लगाया है। इसका कारण उन्होंने बताया कि उन प्रश्नों को उठाकर कोई लाभ नहीं है जिनका कोई कार्यान्वयन ना हो। वहीं उन्होंने अपनी ही पार्टी पर उन्हें आज तक सरकारी मकान नहीं दिए जाने के भी आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि वह ऐसे पहले विधायक होंगे जिन्हें उनकी सरकार में सरकारी मकान नहीं मिला। इसको लेकर कई बार वह स्पीकर से भी मिले और सीएम जयराम (CM Jai Ram Thakur) से भी बात की, बावजूद इसके उन्हें आज तक सरकारी मकान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि वह जब भी शिमला (Shimla) आते हैं तो उन्हें सर्किट हाउस में रूकना पड़ता है। जिसके चलते उनसे मिलने आने वाले लोगों को काफी दिक्कतें पेश आती हैं।
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अनिल शर्मा ने इस दौरान सीएम जयराम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मंडी (Mandi) जिला से सीएम होने के चलते लोगों को उनसे काफी उम्मीदें थी, लेकिन उनके चुनाव क्षेत्र में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में जब वह मंत्री थे उस समय शुरू करवाए गए विकास कार्यों को भी माजूदा सरकार ने बजट नहीं दिया। जिसके चलते वह भी अधर में लटक गए। वहीं आगामी चुनाव पर उन्होंने कहा कि यह तो जनता ही तय करेगी कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं और अगर लड़ेंगे तो किस पार्टी से। उन्होंने कहा कि उनका क्षेत्र का विकास ही एकमात्र मकसद है। पंडित सुखराम के बचे हुए काम जिस भी प्लेटफार्म से होंगे,उसी पार्टी से वह चुनाव लडे़ंगे। बता दें कि विधानसभा के बाहर अनिल शर्मा हिमाचल कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नजर आए। जिस पर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
अनिल शर्मा बोले: मेरे दो ही गुरु- सुखराम और वीरभद्र
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन लाए गए शोकोद्गार प्रस्ताव के दौरान बीजेपी विधायक अनिल शर्मा ने अपने पिता स्व पंडित सुखराम शर्मा (Pandit Sukhram Sharma) के योगदान को याद करते हुए कहा उनके केवल दो ही गुरु रहे हैं- पंडित सुखराम और वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh)। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके पिता कि कांग्रेस नेता के तौर पर मृत्यु हुई है और अंत में भी कांग्रेस से जुड़े रहे। अनिल शर्मा ने कहा कि पंडित सुखराम की कमजोरी उनका पोता हो सकता है, लेकिन पुत्र कभी नहीं रहा।
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