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हिमाचल: बागवानों ने स्थगित किया अपना आंदोलन, सरकार ने मांगा 10 दिन का समय
शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में जुटे सैंकड़ों बागवानों की एक बार फिर जीत हुई है। बागवानों ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई वार्ता बैठक के बाद अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने बागवानों की मांगों को पूरा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। जिसके बाद बागवानों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। हालांकि संयुक्त किसान मंच ने दो टूक कहा है कि अगर सरकार ने 10 दिन में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो एक बार फिर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि राजधानी शिमला में आज बागवान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए। बागवानांे के आक्रोश के आगे शिमला की सड़कें भी छोटी पड़ गई। सड़कांे पर उतरे भारी जनसमूह को देखते हुए सरकार ने संयुक्त किसान मंच को वार्ता के लिए बुलाया। जिसमें बागवानों की मांगों को पूरा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा गया। जिसके चलते बागवानांे ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया।
सरकार ने वार्ता के लिए बुलााए थे बागवान
बागवान संयुक्त किसान मंच के बैनर तले अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़कों पर हैं। इस प्रदर्शन में 27 किसान-बागवान संगठन शामिल हैं। यह प्रदर्शन नवबहार चौक (Navbahar Chowk) से छोआ शिमला तक निकाला जा रहा है। इसी बीच किसानों-बागवानों और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की होने का भी समाचार है। कुलमिलाकर सारी स्थिति ही तनावपूर्ण बनी हुई है। अब ताजा सूचना यह है कि ऐसे माहौल को देखते हुए सरकार की ओर से बागवानों को सचिवालय ( Secretariat) बुलाया गया है। मगर इसके लिए सिर्फ पांच लोगों को ही आने की इजाजत दी गई थी।।
27 किसान- बागवान संगठनों ने रैली निकाल कर जताया था अपना रोष
राजधानी शिमला में संयुक्त किसान मंच के बैनर तले प्रदेश के 27 किसान-बागवान संगठन राजधानी में नवबहार चौक से छोटा शिमला तक रैली निकालकर अपना रोष जाहिर कर रहे थे। सेब बागवान महंगे कार्टनों पर अपनी नाराजगीजाहिर कर रहे हैं। वहीं पुलिस (Police) ने प्रदर्शनकारियों को रोकने लिए पूरे प्रबंध कर रखे हैं। सचिवालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। छोटा शिमला (Chhota Shimla) में बैरिकेडिंग कर सर्कुलर रोड को बंद कर दिया गया है। वहीं पुलिस बल और अग्निशमन के फायर टेंडर को तैनात कर दिया गया है। इन्हें सचिवालय के दोनों गेटों पर तैनात किया गया है। वहीं सजौली की ओर गेट के पास भी पुलिस तैनात कर दी गई है।
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बागवान अपनी कुछ मांगों को मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। बागवानों ने मंडियों में एपीएमसी कानून को लागू करने, खाद, बीज, कीटनाशकों पर सब्सिडी देने, फलों की पैकेजिंग पर जीएसटी (GST) को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इसी के साथ छह फीसदी जीएसटी की जटिल प्रक्रिया को आसान करने की मांग भी उठाई जा रही है। 20 सूत्रीय मांगपत्र में कुछ मुद्दे उठाए गए थे। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई थी मगर उसमें बागवान प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया था।
इस बात को लेकर भी बागवान खफा हैं। वहीं बागवान बैरियरों पर मार्केट फीस (market fee) वसूली को भी बंद करने की मांग उठा रहे हैं। इसी के साथ कृषि बागवानी सहयोगी उपकरणों पर सब्सिडी देने, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान का मुआवजा देने, कर्ज माफ करने, बोर्ड का गठन करने और सभी फसलों के लिए एमएसपी तय करने की भी मांग उठा रहे हैं।