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आनी। हिमाचल की बीजेपी सरकार किसानों और बागवानों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। यह बात मंगलवार को शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू (Kullu) जिला के आनी में किसानों बागवानों की जनसभा को संबोधित करते हुए कही। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस किसानों व बागवानों (Farmers and Gardeners) के हितों से खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने कहा की कांग्रेस किसानों बागवानों के साथ खड़ी है। विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी (BJP) की जन विरोधी नीतियों व निर्णयों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आज सेब बागवानों को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बागवानों की कोई चिंता नही है। विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने कहा कि आज देश प्रदेश में बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से लोग परेशान हैं। उन्होंने पुलिस भर्ती मामले पर कहा कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला है और कांग्रेस सत्ता में आते ही इस घोटाले का पर्दाफाश करेगी। इस अवसर पर विक्रमादित्य सिंह के नेतृत्व में किसान बागवानों की मांगों पर उप मंडल अधिकारी को एक ज्ञापन भी दिया गया।
वहीं किसानों और बागवानों के 27 संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने तेवर कड़े कर दिए हैं। मंच ने खासकर सेब बागवानी के मुद्दे पर निर्णायक जंग लड़ने का ऐलान किया है। पांच अगस्त को राज्य सचिवालय के बाहर आक्रोश रैली होगी। इसमें हजारों लोगों के हिस्सा लेने का दावा जताया गया है। अगर सरकार ने मंच की 20 सूत्रीय मांगों को स्वीकार कर लागू नहीं की तो मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान विधानसभा का घेराव होगा। मंच के संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान ने शिमला में पत्रकार वार्ता में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल अपना स्टैंड स्पष्ट करें। वे किसानों, बागवानों के मुद्दों को घोषणा का हिस्सा बनाएं।
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) के साथ बैठक के बाद कुछ मांगों को मान लिया है, लेकिन इन पर क्रियान्वयन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी एचपीएमसी में सेब की एक पेटी जीएसटी के 16 फीसद के साथ पुरानी दर 75 रुपए 35 पैसे पर मिल रही है। छह फीसद जीएसटी के बदले सबसिडी का प्रावधान लागू नहीं हुआ है। उन्होंने खुले बाजार से पेटी और ट्रे खरीदने पर छह फीसद जीएसटी कम करने के प्रावधानों को सरल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषिए बागवानी उत्पादों की पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए।
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