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हिमाचल में यहां गरजीं आशा वर्कर, सरकारी कर्मचारी घोषित करने की उठाई मांग
रविन्द्र चौधरी, फतेहपुर। हिमाचल में आशा वर्करों (Asha Worker) ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। जिला कांगड़ा के फतेहपुर (Fatehpur) में आशा कार्यकर्ताओं ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले एक रैली (Rally) निकाली और अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग उठाई। बता दें कि भारतीय मजदूर संघ (Bhaarateey Majadoor Sangh) से संबंधित आशा वर्कर का त्रैवार्षिक पहला दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार को फतेहपुर के एक निजी स्कूल में हुआ। जिसका शुभारंभ भामस प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा ने किया। दो दिन तक चलने वाले इस अधिवेशन का समापन रविवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सहजल (Health Minister Dr Rajeev Sehjal) करेंगे।
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आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भामस के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी घोषित करे। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकार इन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित (Declare Government Employees) नहीं करती, तबतक इन्हें 18000 मानदेय दिया जाए। अधिवेशन में संगठन को मजबूती प्रदान करने के टिप्स भी दिए। इस अदिवेशन में करीब 400 आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया व भामस के पदाधिकारियों को सुना। जबकि इससे पूर्व राम लीला ग्राउंड से भरोबड़ चोंक तक शोभा यात्रा निकालीए जिसमें कार्यकर्ताओं ने अपने मांगों को लेकर जम कर नारेबाजी की। भामस प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा ने आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भामस देश का ही नहीं किन्तु पूरे विश्व का एक श्रमिक संगठन है जो कि शुद पर शुद गैर राजनीतिक है। यह दल केवल श्रमिकों के हितों की लड़ाई लड़ता है व समय.समय पर कर्मचारियों व मजदूरों की मांगों को लेकर आंदोलन भी करता है।
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