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हिमाचल: सड़क पर उतरे मिड डे मील कर्मचारी, इन मांगों को लेकर मचा रहे बवाल
Last Updated on September 24, 2021 by Deepak
हिमाचल अभी अभी टीम। हिमाचल (Himachal) के विभिन्न जिलों में आज मिड डे मील कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कुल्लू जिले (Kullu District) में सीटू (CITU) के बैनर तले सैकड़ों मिड डे मील वर्कर अपनी विभिन्न मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान सरवरी से लेकर डीसी कार्यलय तक सैंकड़ो मिड डे मील कर्मचारियों ने धरने प्रदर्शन में भाग लिया और डीसी के माध्यम से हिमाचल सरकार को मांग पत्र भेजा।
सड़क पर मिड डे मील वर्कर
इस मौके पर मिड डे मील कर्मचारी ममता देवी ने बताया कि मिड डे मील वर्करों की मांगों को लेकर यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल है। जिसमें मिड डे मील वर्करों के 9 हजार रूपए मासिक वेतन, मिड डे मील वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने और मिड डे मील वर्करों की छंटनी नहीं करने की मांग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मिड डे मील कर्मचारियों से सरकार 5 से 6 घंटे काम लेती है, लेकिन उसके बदले कर्मचारियों को आधी दिहाड़ी मिलती है। जिससे कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में मिल डे मील कर्मचारियों की मांग है कि 9 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाए।
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डीसी के जरिए सीएम को सौंपा ज्ञापन
वहीं, जिला मुख्यालय हमीरपुर में शुक्रवार को मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। हमीरपुर के गांधी चौक पर प्रदर्शन करने के बाद मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर ने डीसी हमीरपुर (DC Hamirpur) के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) को ज्ञापन भी भेजा।
इस मौके पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर ठाकुर और जिला अध्यक्ष जोगिंदर सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। ज्ञापन के माध्यम से आंगनवाड़ी और मिड डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी घोषित करने, प्री नर्सरी कक्षाओं में नियुक्ति दिए जाने, बाल विकास के परियोजनाओं के बजट में 30 फीसदी कटौती को वापस लिए जाने तथा आंगनवाड़ी वर्कर और मिड डे मील वर्कर को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ देने की मांग प्रमुखता से उठाई गई है।
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शिमला में सड़क पर उतरी आंगनबाड़ी वर्कर
वहीं, सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्कर भी राजधानी शिमला में सरकार के खिलाफ हमला बोला। आंगनबाड़ी यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने कहा है कि आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति,इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने,सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने,वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने,सरकारी कर्मचारी के दर्जे,हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने,रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग तथा नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,पोषण ट्रैकर ऐप व तीस प्रतिशत बजट कटौती के खिलाफ सड़कों पर उतरे।