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आश्रय शर्मा ने दिया सभी पदों से इस्तीफा, बोले- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है कांग्रेस पार्टी
मंडी। हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने बीजेपी में जाने को लेकरकुछ नहीं कहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 10 अक्टूबर को वे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के समझ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इससे पहले आश्रय शर्मा ने सितंबर में कांग्रेस की युवा रोजगार यात्रा से किनारा करते हुए इस यात्रा की कैंपेन कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
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मंडी में मीडिया से बातचीत के दौरान आश्रय शर्मा ने कहा है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। पंडित सुखराम के बाद सिर्फ अनिल शर्मा ही चुनावी मैदान में होंगे और वही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है। हर बार पार्टी ने मुझे आहत किया है। आश्रय शर्मा ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की मेंबरशिप व पार्टी के द्वारा उन्हें दिए गए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।कि इस्तीफा उन्होंने कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। आश्रय शर्मा ने बताया कि जब 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी नेताओं ने अपने हाथ खड़े कर दिए तब उन्होंने राहुल गांधी के कहने पर चुनाव लड़ा लेकिन उसके बाद कांग्रेस का पावर सेंटर प्रदेश में मात्र एक परिवार को देना हाईकमान का सही फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी केवल एक प्राइवेट फर्म बनकर रह गई। उन्होंने हैरानी जताई कि देश व प्रदेश में कांग्रेस के कई टेलेंटिड नेता है लेकिन यहां केवल एक परिवार को ही तवज्जो दी जा रही है जो कि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस राज परिवार तक ही सीमित रह गई है।
वहीं इस दौरान कांग्रेस के मंडी से वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर पर आश्रय शर्मा ने पलटवार किया कि कौल सिंह का उनसे उलझने के लिए राजनीतिक कद नहीं है। उन्होंने कहा कि वे तो कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर के पैरों की धूल भी नहीं है लेकिन ना जाने क्यों वे उनसे मनमुटाव रखते हैं। उन्होंने कौल सिंह ठाकुर के उस बयान की भी निंदा की जिसमें कहा गया कि आश्रय अपने पिता का नहीं हुआ तो किसी और का क्या होगा। आश्रय ने कड़े तेवरों में कहा कि आश्रय, चंपा ठाकुर नहीं है, आश्रय शर्मा है और मैं अपने पिता के लिए कुछ भी कर सकता हूं। आश्रय ने कहा कि कौल सिंह व प्रतिभा सिंह ने हमेशा उनका काम बिगाड़ने की ही कोशिश की है क्योंकि वे सुखराम के पोते हैं।