हिमाचल: इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी शुरू, पहले दिन 6 करोड़ का सामान नीलाम
बहुचर्चित 6 हजार करोड़ का घोटाला, नहीं मिला इंडियन टेक्नोमेक को लेकर कोई बड़ा खरीददार
Update: Wednesday, January 18, 2023 @ 10:41 PM
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पांवटा साहिब। हिमाचल प्रदेश के 6000 करोड़ रुपये के बहुचर्चित कर और कर्ज घोटाले में फंसी इंडियन टेक्नोमैक कंपनी (Indian Technomac Company) की पूरी संपति को लेकर कोई भी बड़ा खरीददार नहीं मिला। नतीजतन कंपनी के छोटे-छोटे सबलोटस के ही खरीद मिले और नीलामी के दौरान 5 सबलोट्स 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये में नीलाम हुए।
दरअसल हाइकोर्ट के निर्देशों के बाद बुधवार को सिरमौर जिला के पांवटा साहिब के तहत जगतपुर में स्थित इंडियन टेक्नोमेक कंपनी परिसर में घोटाले में फंसी उक्त कंपनी की नीलामी प्रक्रिया आयोजित की है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग की ओर से कंपनी की नीलामी का रिजर्व प्राइज 165 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। बुधवार शाम तक चली नीलामी के दौरान पूरी कंपनी को खरीदने के लिए कोई भी बड़ा खरीदार नहीं मिला। नीलामी में छोटे-छोटे सब लौट के खरीददार ही पहुंचे। लिहाजा 6 करोड़ 36 लाख 53 हजार 651 रुपये के 5 सब लोटस जरूर नीलाम हुए।
जानकारी के अनुसार राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी के लिए दो ऑप्शनस तैयार की गई थी। पहले ऑप्शन में कोई एक या दो बड़ा खरीददार पूरी कंपनी खरीद ले। यदि कोई बड़ा खरीददार नीलामी में नहीं आता, तो इस स्थिति में छोटे-छोटे सबलोटस बनाकर कंपनी के अंदर के सामान को अलग-अलग बेचा जाए। विभाग की ओर से कंपनी के 11 सब लोटस बनाए गए थे, जिसमें से बुधवार को पांच सबलोटस ही नीलाम हुए। नीलाम हुए ये पांचों सबलोटस कंपनी की मशीनरी के थे। इस दौरान कंपनी के 35 वाहनों में से 14 वाहनों को 34 लाख रुपये में नीलाम किया गया, जो इन वाहनों के निर्धारित मूल्य से 5 प्रतिशत अधिक है।
बता दें कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग (State Tax and Excise Department) ने अदालत के समक्ष आवेदन दायर किया था। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने कंपनी को नीलाम करने वाले नोटिस को अदालत के रिकॉर्ड में लेने के आदेश दिए। घोटाले में फंसी टेक्नोमैक कंपनी को वर्ष 2014 में सील कर दिया गया था। पिछले कई साल से हजारों करोड़ रुपए की यह कंपनी अब कबाड़ बन चुकी है। जब इस कंपनी को सील किया गया था, तब इसकी कीमत 5,000 करोड़ रुपए आंकी गई थी। वर्तमान में यह मात्र 365 करोड़ रुपए की रह गई है। कंपनी पर कई विभागों की देनदारियां हैं। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने कहा कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी ने 2008 से 2014 तक 2,175 करोड़ रुपए की वैट (VAT) चोरी की थी।
12 बैंक से लिया 1600 करोड़ का लोन
इस मामले का खुलासा 2014 में राज्य कर एवं आबकारी विभाग की इंटेलिजेंस यूनिट ने किया था। कंपनी के प्रबंधकों ने धोखाधड़ी (Fraud) कर एक दर्जन बैंकों से 1,600 करोड़ का कर्ज (Loan) भी लिया हुआ था। इसके अलावा आयकर विभाग, श्रम विभाग, ईपीएफ और बिजली बोर्ड की भी करोड़ों की देनदारियां सामने आई थी।