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677 साल बाद बन रहा शुभ संयोग, इस तारीख को है निवेश का विशेष महामुहूर्त
नई दिल्ली। दिवाली के पहले पुष्य नक्षत्र में खरीदारी को काफी शुभ माना जाता है। अक्सर लोग दिवाली से दो दिन पहले आने वाले धनतेरस के दिन पर जमकर खरीदारी करते हैं। इस साल दीपावली के पहले 28 अक्टूबर को जो पुष्य नक्षत्र आ रहा है, वो कई मायनों में बहुत ही शुभ और अनोखा संयोग है। इस अवसर को ज्योतिषाचार्य खरीदारी के लिए महामुहूर्त बता रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक यह योग करीब 677 साल बाद बन रहा है।
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ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 28 अक्टूबर 2021 को पूरे दिन-रात पुष्य नक्षत्र रहेगा। गुरुवार होने से गुरु पुष्य का योग बनेगा। इस पूरे दिन में अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष को आने वाले इस योग में कोई भी वस्तु खरीदना अच्छा फल देने वाला होता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि हैं। शनिवार को या शनि के नक्षत्र में जो भी कार्य किया जाता है, वह लंबे समय तक चलता है। निवेश भी लाभदायक होता है।
वहीं, उन्होंने बताया कि बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं और शनि गुरु का सम्मान रखता है। बृहस्पति एवं शनि के मध्य कोई शत्रुता भी नहीं है। इसलिए, पुष्य नक्षत्र, गुरुवार को आना शुभकारी होता है। इस वर्ष गुरु एवं शनि, शनि के स्वामित्व वाली राशि में एक साथ गोचर करेंगे। दोनों मार्गी होंगे और इन पर चंद्र की दृष्टि भी होगी। जो गजकेसरी योग का निर्माण करेंगे। चंद्र धन कारक ग्रह है और यह योग सभी प्रकार से मंगलकारी होगा। 677 साल पहले, 5 नवंबर 1344 को भी गुरु-शनि की युति मकर राशि में रहते पुष्य योग गुरुवार को बना था।
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