-
Advertisement
15 वर्ष बाद कोई संतान न हुई तो दंपति ने गोद लिया बछड़ा, मुंडन संस्कार भी करवाया
शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो सबसे पहले गाय को पृथ्वी पर भेजा था। हिंदू धर्म में गाय( Cow) को मां माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। ऐसे ही एक दंपति के घर जब वर्षों तक कोई संतान न हुई तो उन्होंने गाय के बछड़े ( cow’s calf)को गोद लिया और उसे अपना बेटा मान कर उसका मुंडन संस्कार भी करवाया डाला।
बरेली के किसान दंपति विजयपाल और राजेश्वरी देवी की शादी को 15 वर्ष हो गए लेकिन उनके घर कोई किलकारी नहीं गूजी। ऐसे में उन्होंने बछड़े को गोद लेने का फैसला किया। विजयपाल के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं है उनकी दो छोटी बहनों की भी शादी हो चुकी है। शाहजहांपुर स्थित अपने घर में वह अकेलापन महसूस कर रहे थे। कुछ समय पहले विजयपाल के पिता एक गाय लेकर घर आए थे, उसके निधन के बाद बछड़ा अकेला रह गया था। इसके बाद दंपति ने उसे बेटे की तरह गोद ले लिया, क्योंकि वह भी अपनी मां के निधन के बाद उसी तरह अकेला रह गया था।
ये भी पढ़े : जानें हिंदू धर्म की दस पवित्र ध्वनियों के बारे में
विजयपाल के मुताबिक, ‘जब हम गाय को मां की तरह स्वीकार कर सकते हैं तो बछड़े को बेटा क्यों नहीं बना सकते?’विजयपाल ने बछड़े को गोद लेकर इसे अपना बेटा बना लिया। उन्होंने ‘बेटे’ का नाम ललटू बाबा रखा और उसके मुंडन का समारोह भी किया। उसे ‘मुंडन’ के लिए गोमती नदी के तट पर स्थित लालटू घाट पर ले जाया गया, जहां पुजारी ने बछड़े और उसके ‘माता-पिता’ को आशीर्वाद दिया। इस समारोह में 500 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। गांवभर से लोग इस मुंडन समारोाह में उपहार लेकर पहुंचे थे, जहां उनके लिए भोज का आयोजन भी किया गया।