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#GhazipurBorder : किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-बंदूक की नोक पर नहीं होगी बातचीत
नई दिल्ली। किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की फोन कॉल (Phone Call) वाली बात का असर किसानों पर होता नहीं दिख रहा है। किसान नेताओं (Farmer Leaders) के तेवर जस के तस बने हुए हैं। अब भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत ने पीएम के मन की बात ( Man Ki Baat) कार्यक्रम में की गई बात पर पलटवार किया है। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में कहा कि 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे का अपमान देखकर देश दुखी हुआ है। इसी बात पर बीकेयू के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने भी जवाब दिया है।
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हम जमीन के आदमी हैं, जिसने आंदोलन को मिट्टी में दफन करने की कोशिश करी, किसान ने वही से आंदोलन और तेज कर दिया, हम मिट्टी से अन्न उपजाने वाले लोग हैं, हम तो 400 फुट जमीन के नीचे से पानी पैदा करते हैं, बोरिंग कर आंदोलन वहीं से उठा दिया, लड़ेंगे जीतेंगे
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 30, 2021
राकेश टिकैत ने कहा है कि तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का है क्या। उन्होंने कहा कि सारा देश तिरंगे से प्यार करता है। इसलिए तिरंगे का अपमान करने वाले को गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा बीते रोज पीएम ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि उनके और किसानों के बीच महज एक फोन कॉल की दूरी है। इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि बंदूक की नोक पर सरकार से बातचीत नहीं होगी।
राकेश टिकैत के तेवर नरम पड़ते नहीं दिख रहे हैं। टिकैत ने एक के बाद एक कई ट्विट किए जिसमें किसान आंदोलन को और मजबूत करने का मकसद दिखा। राकेश टिकैत ने कहा कि हम जमीन के आदमी हैं, जिसने आंदोलन को मिट्टी में दफन करने की कोशिश की, किसान ने वहीं से आंदोलन और तेज कर दिया। हम मिट्टी से अन्न उपजाने वाले लोग हैं, हम तो 400 फुट जमीन के नीचे से पानी पैदा करते हैं, बोरिंग कर आंदोलन वहीं से उठा दिया। लड़ेंगे, जीतेंगे, किसी को हताश होने की जरूरत नहीं, किसान को कमजोर होने की जरूरत नहीं।
राकेश टिकैत ने लिखा कि षड्यंत्र था, उस षड्यंत्र से किसान निकल चुका है। एक षड्यंत्र था किसानों का मनोबल डाउन करने का, किसानों का मनोबल कम नहीं होगा। किसान मजबूती के साथ लड़ेगा, किसान जीत के जाएगा किसान हार के नहीं जाएगा, किसान जीतेगा । देश की आजादी की लड़ाई है यह किसान के आजादी की लड़ाई है, देश का किसान ना कमजोर है ना होगा। तिजोरी में अनाज बंद नहीं होने देंगे, अनाज तिजोरी की वस्तु नहीं बनने देंगे, फैसला किसान करेगा।