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बजट सत्रः बीजेपी विधायक हंसराज ने दी अनशन पर बैठने की चेतावनी, विपक्ष लाया स्थगन प्रस्ताव
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन भी सदन में खूब हंगामा हुआ। सत्तापक्ष और विपक्ष में कई बार तीखी नोकझोंक देखने को मिली। चुराह से बीजेपी विधायक हंसराज ने सदन में आमरण अनशन की चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि विधायक विकास निधि को तुरंत बहाल किया जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। जरूरी हुआ तो आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
स्पीकर ने भी आज कार्य सूची सस्पेंड चर्चा को मंजूरी दी
इससे पहले पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने नियम 67 के तहत सदन में प्रस्ताव लाया और ऑफिस डिनोटिफाई करने के मसले पर चर्चा की मांग की। सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि नियम 67 अब रूटीन बनकर रह गया है। विपक्ष इसका गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने इस विषय पर चर्चा की मंजूरी देने की बात कही।स्पीकर ने भी विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए आज कार्य सूची सस्पेंड कर इस पर चर्चा की मंजूरी दी। सुखराम चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में पूर्व सरकार को कुछ भी करने का मौका नहीं मिला। अंतिम सालों में सरकार ने जनहित को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जितने संस्थानों को खोला गया। सरकार बदलते ही उन पर ताला जड़ दिया गया। इससे जनता को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
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कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि विपक्ष ने राजनीतिक लाभ के लिए प्रस्ताव लाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अंतिम 6 महीनों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए 900 संस्थान खोले। चार उप-चुनाव में मिली हार के बाद लोगों को ठगने के लिए इन दफ्तरों को खोला गया। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड 1800 करोड़ रुपए के घाटे में है।