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छेश्चू मेले में छम नृत्यः गुरू पदमसंभव के आठ रूप दिखाए
Last Updated on March 4, 2020 by Sintu Kumar
मंडी। तीन धर्मों की संगम स्थली रिवालसर में बुधवार को छेश्चू मेले( Chheshu fair) के दूसरे दिन छम नृत्य ( Cham dance)का आयोजन किया गया। छम नृत्य के जरिए गुरू पदमसंभव के आठों रूपों को दिखाया गया। इन आठ रूपों में उन्होंने क्या-क्या रूप धारण किया, के बारे में दिखाया गया। छम नृत्य देखने के लिए बाहरी राज्यों समेत विदेशी रिवालसर पहुंचे हुए हैं। कोरोना वायरस के चलते इस विदेशियों श्रद्धालुओं में कमी आंकी गई है। बता दें कि रिवालसर में छेश्चू मेला गुरू पदमसंभव के जन्मदिन अवसर पर मनाया जाता है।
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बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह आकर्षण का केंद्र होता है। छेश्चू मेला के दूसरे दिन छम नृत्य के बाद गुरू पदमसंभव की पालकी की रिवालसर झील की परिक्रमा करवाई गई। गुरू पदमसंभव निगमा मंदिर रिवालसर के प्रधान टीएस नेगी ने बताया कि छेश्चू मेला के दूसरे दिन छम नृत्य हुआ। उन्हांेने बताया कि पांच मार्च को ध्वजारोहण होगा। इसके बाद पवन लामा दीर्घायु के लिए प्रवचन देंगे। जिसका सभी लोग इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि रिवालसर तीन धर्मों हिंदू, बौद्ध व सिख की संगम स्थली है। यहां का इतिहास लोमश ऋषि, गुरू गोबिंद सिंह व गुरू पदमसंभव से जुड़ा है। रिवालसर धार्मिक पर्यटन के लिए देश व विदेश में प्रसिद्ध है।