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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के परिजनों को मिलें 25 लाख, सरकारी नौकरी भी
Last Updated on January 20, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। सीटू राज्य कमेटी ने 19 जनवरी रविवार को पल्स पोलियो ड्यूटी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता देवी की बर्फ में फिसलने से हुई मौत के लिए प्रदेश सरकार व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को ज़िम्मेदार ठहराया है। राज्य कमेटी ने मांग की है कि इस घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मुकद्दमा दर्ज करके सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीड़िता के परिजनों को तुरंत 25 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए और उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
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सीटू प्रदेशाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विजेंद्र मेहरा ने कड़े शब्दों में कहा है कि गीता देवी की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई ना की गई तथा अगर उनके परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो सीटू प्रदेश सरकार व विभाग की घेराबंदी करेगा। उन्होंने कहा कि गीता देवी से अपने आंगनबाड़ी केंद्र मैल के अलावा 18 किलोमीटर दूर मिनी आंगनबाड़ी केंद्र शकटी का अतिरिक्त कार्य करवाया जा रहा था जो बेहद कम वेतन में गंभीर शोषण है। भारी बर्फबारी में गीता देवी को 18 किलोमीटर चलने व अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर किया गया। बर्फबारी में इतना लंबी दूरी तय करने के लिए उन्हें कई घंटों का पैदल सफर तय करने के लिए प्रदेश सरकार व विभाग ने अनचाहा दबाव बनाया, जिसके फलस्वरूप उनकी जान चली गई।