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सीएम जयराम का हिमाचल को पांच चैनल आवंटित करने का आग्रह
नई दिल्ली। हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने पीएम नरेंद्र मोदी से हाल ही में घोषित स्वयं प्रभा के तहत कुल 200 चैनलों में से हिमाचल प्रदेश को 5 टीवी चैनल (TV Channels)आवंटित करने का आग्रह किया। यह उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण करेंगे। सीएम जयराम ने बताया कि राज्य में प्राथमिकए माध्यमिक और उच्च विद्यालयों का सकल नामांकन अनुपात शत- प्रतिशत है, जबकि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के मामले में यह 85.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यदि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर तकनीकी संस्थानों को जोड़ दिया जाए तो यह अनुपात 98.8 प्रतिशत हो जाता है। जयराम ने कहा कि राज्य के 14 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं को शिक्षा एवं निःशुल्क आवासीय सुविधा के अलावा कौशल शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा डेटाबेस का डिजिटिकरण किया जा रहा है और डिजिटल मोड में उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए शिक्षकों की क्षमता का विकास किया जा रहा है। सीएम जयराम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद (Governing Council of NITI Aayog) की बैठक में भाग लिया। बैठक में कृषि उत्पादन एवं फसल विविधीकरण में आत्मनिर्भर होने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और नगर निकाय प्रशासन जैसे मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई।
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सीएम ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों तक छात्रों की आसानी से पहुंच है और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। जिला मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय को अप्रैल 2022 से क्रियाशील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में राज्य का सकल नामांकन अनुपात 27.1 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 40ण्8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के तहत छात्रवृत्ति की राशिए लड़कियों और लड़कों की श्रेष्ठता छात्रवृत्ति में भी वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के अलावा प्रतिस्पर्धात्मक सेवाओं के इच्छुक मेधावी छात्रों के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना शुरू की है। राज्य सरकार शोधार्थियों की सुविधा के लिए विश्वविद्यालयों में मौजूदा शैक्षणिक सत्र से मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना शुरू करने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं और प्लेसमेंट सेल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा ड्रोन नीति बनाई गई है और राज्य में आधुनिक तकनीक के अनुप्रयोग के लिए छात्रों को ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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