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मानसून सत्रः सदन में बोले सीएम जयराम- एफआरए के पेंच ने रोके कई प्रोजेक्ट व विकास कार्य
शिमला। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र ( monsoon session of the Himachal Legislative Assembly)में प्रश्नकाल के दौरान सीएम जयराम ठाकुर ( CM Jairam Thakur)ने कहा कि एफआरए (FRA) के पेंच के कारण प्रदेशभर में कई प्रोजेक्ट व विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां पर एफआरए के कारण सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के जवाब में सीएम जयराम ने कहा कि सरकार के कठिन प्रयासों से सुप्रीम कोर्ट में 600 प्रोजेक्ट की स्टेज टू क्लीयरेंस प्राप्त की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में अन्य मामलों पर अंतिम स्वीकृति प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में निर्माण कार्य करना संभव नहीं रह गया है, क्योंकि यहां पर हर तरह की भूमि पर फॉरेस्ट एक्ट लागू होता है। ऐसे में सरकार के लिए कोई भी काम शुरू करने से पहले फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त करनी होती है।
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इससे पहले विधायक जगत सिंह नेगी ने जनजातीय जिल किन्नौर में एफआरए ( FRA)की शर्त के कारण सड़कों का निर्माण लटका होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा डीपीआर बनाने में भी समस्या आ रही है। उनका कहना था कि प्रदेश के साथ ऐसा कानून लाकर भेदभाव किया जा रहा है। विधायक के इस सवाल पर सीएम ने जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट की। एफआरए के पेंच के कारण प्रदेशभर में कई प्रोजेक्ट व विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसके अलावा जहां तक किन्नौर की बात है तो सुंगर कांड संपर्क सड़क की डीपीआर बनाई जा रही है। बोध मन्दिर से नाला मुरंग के संपर्क के लिए एफआईए की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, परंतु निजी भूमि की गिफ्ट डीड अभी प्राप्त नहीं हुई है। डीड प्राप्त होने पर इन संपर्क मार्गों की डीपीआर बनाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरक्षित श्रेणियों के बैकलॉग के तहत 3 साल में 542 पद भरे
सदन में विधायक पवन काजल द्वारा पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में सीएम ने कहा 1 अक्टूबर 2018 से 13 जनवरी 2020 तक आरक्षित श्रेणियों के 542 पद भरे गए है । जिनमें सबसे ज़्यादा उच्च शिक्षा विभाग में 141, आयुष विभाग में 62 पद, पुलिस महानिदेशक शिमला में 60 पद व उपायुक्त शिमला कार्यालय 59 पद भरे गए। 2018 में 282 पद भरे गए, 2019 में 210, जबकि 2020 में 43 व 21 में मात्र 7 पद भरे गए हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने की सवर्ण आयोग के गठन की मांग
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत कहा कि हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के निवेदन को सीएम सुनें , यह मेरा विचार पार्टी लाइन से हटकर है। उन्होंने कहा कि मैं किसी के हक को छीनने की बात नहीं कर रहा हूं. विक्रमादित्य सिंह ने सवर्ण आयोग के गठित की मांग रखी।
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश अधिकतम सीमा अधिनियम 1972 का संशोधन विधेयक पेश करेंगे। इस विधेयक के तहत चाय के बागान से जुड़ी जमीन बेचने पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। इस प्रस्ताव के तहत विधानसभा में चर्चा होगी।
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