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तो सच में Himachal की होगी अपनी कृषि नीति, क्या बोले #JaiRamThakur- जानिए
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि कृषि विधेयक का उद्देश्य किसानों के हितों की बिचैलियों के शोषण से रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सबसे बेहतर मूल्य उनकी पसंद के किसी भी बाजार में मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान, राज्य सरकार द्वारा किसानों और बागवानों के लिए उत्पादों को बाजार ले जाने के लिए परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने कहा कि इस कारण उन्हें कोरोना (Corona) महामारी के बावजूद चैरी और सेब के बेहतर मूल्य प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य की अपनी कृषि नीति (Agriculture Policy) लाने पर विचार कर रही है।
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उन्होंने कहा कि नाबार्ड (NABARD) को कृषि के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करते हुए काम करना चाहिए, ताकि ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके। यह बात सीएम जयराम ठाकुर ने नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा ‘किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उपज का समूहन’ विषय पर आयोजित नाबार्ड स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2021-22 की अध्यक्षता करते हुए कही। सीएम ने इस अवसर पर नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर-2021-22 और ‘वेरियस रिफाइनेन्स स्कीमज ऑफ नाबार्ड’ पर आधारित पुस्तिका भी जारी की। सीएम ने आशा व्यक्त की कि ‘द स्टेट फोकस पेपर’ विकास के लिए धन आवंटन को प्राथमिकता देने के लिए प्रदेश सरकार और बैंकर्ज द्वारा ऋण और बुनियादी ढांचे की योजना तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य ऋण समर्थन प्रदान कर कृषि और संबंधित क्षेत्रों में बढ़े हुए उत्पाद को और अधिक बढ़ावा देने तथा खेतों व गैर कृषि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना है।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि एक विशेष राज्य होने के दृष्टिगत, पहाड़ी क्षेत्रों और अन्य सामाजिक आर्थिक स्थितियों के कारण राज्यों से भिन्न योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य को अपनी ऋण और विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने और विकास रणनीतियों को लागू करते समय विशेष मापदंडों को तैयार करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लैंड होल्डिंग (Land Holding) औसत एक एकड़ है और राज्य में कुल भूमि का 88 प्रतिशत है। जो कि राष्ट्रीय औसत की तुलना में क्रमशः 1.15 हेक्टेयर और 86.21 प्रतिशत है। राज्य का 80 प्रतिशत कृषि क्षेत्र वर्षा पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में कम उत्पादकता और उत्पादन के लिए ये सभी कारक, योजनाकारों और हितधारकों के लिए चुनौतियां हैं।
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उन्होंने किसान उत्पादकों, नाबार्ड के संगठनों (एफपीओ) के सिद्धांतों की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि एफपीओ (FPO) का मुख्य उद्देश्य कृषि उपज का समूहन, मूल्य संवर्द्धन और सामूहिक विपणन करना है, ताकि किसानों को उनके उत्पाद के बेहतर मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अब तक आरआईडीएफ के तहत 8679.28 करोड़ रुपये की संचयी सहायता स्वीकृत हुई है, जो प्रदेश में बुनियादी ढांचा सृजित करने में महत्वपूर्ण है। सीएम ने कहा कि बैंकों को प्रदेश के सभी पात्र किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) जारी करने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक क्षेत्रों के लिए वर्ष 2021-22 के दौरान नाबार्ड द्वारा 27724.04 करोड़ रुपये की अनुमानित ऋण क्षमता है, जो गत वर्ष 25857.26 करोड़ रुपये की क्षमता में 7.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अब बैंकों और हितधारकों को इस राशि का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड (Covid) महामारी के कारण वर्ष 2020 आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में उपयोगी साबित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस महामारी से संभावित विकास को सुनिश्चित करने में राज्य सरकार और नाबार्ड जैसे संस्थानों के सामने चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं, क्योंकि राष्ट्र की अधिक आबादी अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही है। सीएम ने पांच किसान संगठनों, विजेश्वरी एग्रो मार्किटिंग कॉपरेटिव सोसाइटी सिरमौर, शिवम मिल्क प्रोड्यूसर कॉपरेटिव सोसायटी नालागढ़ जिला सोलन, मणीमहेश किसान उत्पादक कॉपरेटिव सोसायटी भरमौर जिला चंबा, सब्जी उत्पादक कॉपरेटिव सोसाइटी करसोग जिला मंडी और हिम ग्रामीण कृषि उत्पादक एवं मार्केटिंग को ऑपरेटिव सोसाइटी (Marketing Co Operative Society) धनाली जिला कुल्लू को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया।
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कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि नाबार्ड को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विकासात्मक आवश्यकताओं की गहरी जानकारी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में मूलभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण और विकास में नाबार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में भी नाबार्ड प्रसंशनीय कार्य कर रहा है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक दिनेश कुमार कपिला ने सीएम व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए लघु व सीमांत किसानों को लाभान्वित करने और उनके उत्पादों के संग्रहण के उद्देश्य से राज्य में किसान उत्पादक संगठनों के गठन की आवश्यकता पर बल दिया। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति संयोजक एसएस नेगी ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूती प्रदान करने और सत्त बनाने में नाबार्ड की भूमिका की सराहना की। भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक/प्रभारी अधिकारी केसी आनंद ने कहा कि नाबार्ड राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर विशेष सचिव वित्त राजेश शर्मा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।