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कांग्रेस महाधिवेशन में काफी चर्चित रहे सीएम सुक्खू, जाने क्या थी वजह
Last Updated on February 27, 2023 by Vishal Rana
शिमला। सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में सफलतापूर्वक कार्यान्वित की जा रही इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Electric Vehicle Policy) की अन्य राज्यों में भी सराहना की जा रही है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress Govt) की विभिन्न जन कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों की खूब चर्चा रही। महाधिवेशन में भाग लेने के उपरांत शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक केवल सिंह पठानिया ने बताया कि महाधिवेशन के दौरान कांग्रेस नेतृत्व ने हिमाचल प्रदेश में शुरू की गई मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना, ओपीएस बहाली और इलेक्ट्रिक वाहन नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।
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ईवी पॉलिसी के कार्यान्वयन के लिए चर्चित रहे ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू
केवल सिंह पठानिया (Kewal Singh Pathania) ने बताया कि सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और अन्य कांग्रेस नेताओं ने छत्तीसगढ़ स्थित नवा रायपुर में आयोजित किए गये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महाधिवेशन में भाग लेने के लिए अधिवेशन स्थल तक इलेक्ट्रिक वाहन का ही उपयोग किया। अधिवेशन के दौरान सीएम ने राज्य में ईवी वाहनों के उपयोग को बढ़ाने के लिये प्रदेश सरकार के दृष्टिकोण और भविष्य की रूपरेखा के बारे में भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा की गई महत्वाकांक्षी पहल के परिणामस्वरूप ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहन प्रदान करने के दृष्टिगत इस अनूठी पहल के प्रणेता बनकर उभरे हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों पर चर्चा के लिए बैठक
शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने आज यहां प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर हितधारकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) प्रदान करने के प्रदेश सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों तथा शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अनुसार निजी स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर व वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित सीटें भरना सुनिश्चित करें और इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कोविड महामारी के कारण एक या दोनों अभिभावकों खो चुके बच्चों की निजी स्कूलों में शैक्षणिक फीस माफ करने बारे वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली।