-
Advertisement
हिमाचल के चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट 13 दिवसीय भ्रमण पर रवाना, CM Sukhu सी ऑफ करने आए
CM Sukhwinder Singh Sukhu: सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां 22 चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट(Children of the State) के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर रवाना किया। सीएम ने बच्चों की वोल्वो बस को हरी झंडी दिखाई और उन्हें इस टूअर के लिए शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश के 6000 अनाथ बच्चों को कानून बनाकर चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है। उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना ( Mukhya mantri Sukh Ashray Yojanaलागू की है, जिसके अन्तर्गत अनाथ बच्चों की देखभाल, उन्हें शिक्षा प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं। इन 22 बच्चों को इसी योजना के अन्तर्गत चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा के भ्रमण पर भेजा गया।
22 बच्चों में 16 लड़कियां और छह लड़के शामिल
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भ्रमण पर निकले 22 बच्चों में 16 लड़कियां और छह लड़के शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये बच्चे 2 जनवरी से 4 जनवरी तक का चंडीगढ़ भ्रमण करेंगे और हिमाचल भवन चंडीगढ़ में ठहरेंगे। इसके बाद 5 जनवरी को ये शताब्दी ट्रेन से दिल्ली जाएंगे और 8 जनवरी तक दिल्ली में ठहरेंगे वहां विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि 9 जनवरी को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट हवाई जहाज से गोवा (Goa) के लिए रवाना होंगे और 13 जनवरी तक गोवा में एक थ्री स्टार होटल (Three Star Hotel)में ठहरेंगे और वहां के विभिन्न पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को ये सभी बच्चे गोवा से हवाई जहाज के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंचेंगे।
सरकार ही माता है और सरकार ही पिता
सीएम ने कहा कि इन अनाथ बच्चों का हिमाचल की सम्पदा पर अधिकार है। इन बच्चों की सरकार ही माता है और सरकार ही पिता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ घूमने जाते हैं उसी तरह से राज्य सरकार (State govt) ने इन्हें भ्रमण पर भेजा है। उन्होंने कहा कि भ्रमण करने से ज्ञान बढ़ता है और इसका लाभ बच्चों को आने वाले समय में मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये बच्चे आने वाले समय में देश सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार की यह सराहनीय पहल है और अनाथ बच्चों की देखभाल राज्य सरकार कर रही है। पहले इन बच्चों की कोई सुनवाई नहीं होती थी, लेकिन अब वर्तमान राज्य सरकार उनकी हर जरूरत का परिवार की तरह ध्यान रख रही है।