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Himachal में बल्क ड्रग पार्क को भूमि शर्त में मिले छूट, पूरे देश में लागू होगी एक बीघा योजना
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने केंद्र सरकार से हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क (Bulk Drug Park) स्थापित करने के लिए निर्धारित भूमि की आवश्यकता की शर्त में छूट देने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत बल्क ड्रग पार्क के लिए आवश्यक 1600 एकड़ भूमि की शर्त में छूट देकर इसे 300 से 400 एकड़ करने का आग्रह किया है। सीएम ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Commerce and Industry Piyush Goyal) को लिखे एक पत्र में कहा कि हिमाचल प्रदेश थोक दवाओं और जेनेरिक (Generics) विनिर्माण के लिए एक हब के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित जेनेरिक इकाइयों ने भी राज्य में विशेषकर सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्रों में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए अपनी रूचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश फार्मा उद्योग के विकास में सबसे आगे है और एक स्थान पर इतनी बड़ी भूमि उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा।
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सीएम ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में महत्वपूर्ण की-स्टार्टिंग मैटेरियल/ड्रग इंटरमीडिएट्स और सक्रिय दवा सामग्री (एपीआईएस) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए लाभकारी योजना की घोषणा के लिए सराहना की है। उन्होंने कहा कि रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित इस योजना से भारतीय फार्मास्यूटीकल उद्योग को महत्वपूर्ण दवाइयों और रसायनों के निर्माण में वैश्विक प्रतिस्पर्धा, आत्म निर्भरता और आधुनिक तकनीकों के अनुकूलन को प्राप्त करने में सक्षम बन पाएगा।
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एक बीघा योजना की भारत सरकार ने सराहना की
सचिव ग्रामीण विकास डॉ. आरएन बत्ता ने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वीडियो कांफ्रेसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से प्रदेश की सीएम एक बीघा योजना की सराहना करते हुए इस योजना को देश भर में लागू करने की घोषणा की है। डॉ. आरएन बत्ता ने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर द्वारा गत सप्ताह इस योजना का शुभारंभ किया गया था। उन्होंने कहा कि इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी।