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बिजली फ्री देने का ऐलान बना लॉलीपॉप, महिला ने 1100 नंबर पर की शिकायत
मंडी। चुनावी समर में हिमाचल सरकार (Himachal Government) लोगों के लिए मनलुभावने ऐलान तो कर रही है, पर यह सब लोलीपॉप ही साबित हो रहे है। हिमाचल सरकार ने दिल्ली और पंजाब (Punjab) की तर्ज पर फ्री बिजली बिल देने का ऐलान तो कर दिया, पर प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल रहा है यह बड़ा सवाल है। हिमाचल सरकार ने पिछले दिनों बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को पहले 60 यूनिट और अब 125 यूनिट तक बिजली फ्री करने का एेलान कर रखा है। इसके बावजूद बिजली के बिल बनाने वाली मशीनें सरकार के आदेशों को नहीं मान रही हैं। मीटर रीडर भी परेशानी में हैं। जब प्रयोग में लाई गई यूनिट डालते हैं तो नियमानुसार अपग्रेड मशीन से कम से कम सरकार की पहली घोषणा के अनुसार 60 यूनिट से कम का बिल जीरो आना चाहिए, मगर यह तो पूरे का पूरा आ रहा है।
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मंडी (Mandi) शहर के साथ लगते गांव बाड़ी की नर्वदा देवी ने इसे लेकर शिकायत की है। उसने बताया कि उसकी मीटर की रीडिंग इस बार केवल 58 यूनिट है, मगर फिर भी बिल जीरो आने की बजाय 146 रुपए आ गया है। बिल में बकायदा पूरे रेट 240 रुपए लगाकर 182 सब्सिडी भी दी गई है और फिक्स चार्जिज (Fixed Charges) 80 रुपए भी जोड़े गए हैं। नर्वदा ने इसके बारे में 1100 नंबर पर भी शिकायत की है। अब सरकार की इस घोषणा का सब जगह बराबर अमल क्यों नहीं हो रहा है यह हैरानी का प्रश्न है, क्योंकि कई जगह पर उपभोक्ताओं को सरकारी घोषणा के अनुसार जीरो बिल आने शुरू हो गए हैं। नर्वदा ने इस बारे में बिजली बोर्ड मंडी कार्यालय (Electricity Board Mandi Office) के अधिकारियों से जरूरी कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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टोल टैक्स वसूलने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 11 मई तक टली
शिमला। सनवारा स्थित टोल प्लाजा (सोलन) में टोल टैक्स (Toll Tax) वसूलने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई आगामी 11 मई तक टल गई है। इस मामले में हाईकोर्ट (High Court) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को आदेश दिए थे कि वह परमाणु सोलन अनुभाग के बीच लगभग 2 किलोमीटर सड़क के अधूरे निर्माण की ताजा स्थिति शपथपत्र के माध्यम अदालत को बताए। अदालत ने इन निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए लगने वाले समय की जानकारी भी मांगी है। प्रार्थी ने टोल प्लाजा (Toll Plaza) को स्थापित करने पर सवाल उठाए है । प्रार्थी के अनुसार सनवारा में टोल प्लाजा स्थापित करना राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े नियमों के विपरीत है।
राजमार्ग शुल्क यदरों और संग्रह का निर्धारण नियम, 2008 के अनुसार कोई भी 2 टोल प्लाजा 60 किलोमीटर की दूरी के भीतर एक ही खंड में नहीं हो सकते। प्रार्थी के अनुसार एक अन्य टोल प्लाजा चंडी मंदिर, जिला पंचकुला (Panchkula) में स्थित है और जिला सोलन के परवाणू में 60 किलोमीटर के भीतर सनवारा टोल प्लाजा (Sanwara Toll Plaza) बनाया गया है। प्रार्थी का आरोप है कि काम पूरा होने से पहले टोल वसूला जा रहा है। निर्माण कार्य और फ्लाईओवर (Flyover) के निर्माण कार्य अधूरा है, ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि 95 प्रतिशत कार्य भी पूरा कर लिया गया है। याचिकाकर्ता ने सनवारा टोल प्लाजा पर देय टोल टैक्स दरों को नियमित करने वाली अधिसूचना को रद्द करने की गुहार लगाई है।
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