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#Farmers_Protest : हिमाचल में कांग्रेस व सीटू का प्रदर्शन, केंद्र के खिलाफ की नारेबाजी
Last Updated on December 14, 2020 by Sintu Kumar
हिमाचल अभी अभी। कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ किसान आज एक दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर हैं। किसानों के समर्थन में सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी कांग्रेस (congress) व सीटू (CITU) की ओर से प्रदर्शन किए गए और किसानों के हित में कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।
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राजधानी शिमला में सीटू, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एसएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच ने अपनी मांगों व तीन किसान विरोधी कानूनों को लेकर संघर्षरत किसानों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया है। इन संगठनों ने केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा किये जा रहे किसानों के बर्बर दमन की कड़ी निंदा की है। किसानों के आंदोलन के समर्थन में प्रदेश भर के मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों व सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों द्वारा राज्यभर में प्रदर्शन करके किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की गई।
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हमीरपुर जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जिला अध्यक्ष राजेन्द्र जार की अगुवाई में बाजार में रैली निकाली और प्रदर्शन किया। इस अवसर पर बाजार से रैली में कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गांधी चौक पर भी प्रदर्शन किया और बाद में डीसी हमीरपुर देव श्वेता बनिक के माध्यम से म राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। वहीं प्रदर्शन के चलते सुबह से ही हमीरपुर गांधी चौक के साथ साथ मिनी सचिवालय पुलिस छावनी में तबदील रहा है और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस हर जगह पर मौजूद रही है।
सोलन मे भी डीसी ऑफिस के बाहर सीटू ने प्रदर्शन किया। इस अवसर पर एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार लगातार हिटलरशाही शासन देश में चलाए हुए हैं, वहीं अब उनकी हिटलरशाही का शिकार देश के किसान हुए है। उन्होंने कहा कि जो काले कानून केंद्र की मोदी सरकार किसानों पर थोप रही है वो गलत है। आज किसान खेतों में न होकर सड़कों पर अपनी आवाज उठा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने बिना किसी से पूछे कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि कानून पारित कर दिये हैं।
ऊना में अखिल भारतीय किसान सभा और सीटू की जिला इकाई ने प्रदर्शन किया। इस दोरान प्रदर्शनकारियों ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए मांग की है कृषि क्षेत्र में लाए गए लोक विरोधी कानून वापस लिए जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही पूर्वक और संसदीय बहुमत का नाजायज फायदा उठा कर पूंजीपति और उद्योगपतियों व बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में आकर नये कानून बना कर आम जनता को दबाने की कोशिश हो रही है। बिजली कानून वापस लिया जाए। प्रदूषण कानूनों में किया गया बदलाव वापस लिया जाए। ताकि देश की अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके और आम आदमी को खाद्य सुरक्षा मिले और किसानों की फसलों का उचित मूल्यमिल सके।
कुल्लू जिला में हिमाचल किसान सभा ने किसान विरोधी काले कानूनों के विरोध में रोष रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । इस दौरान इस रैली धरने प्रदेश में सीटू ,नौजवान सभा,जनवादी महिला समिति,एसएफआई के सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने धरने को संबोधित कर केंद्र सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की है जिसमें कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।