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कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में नहीं पहुंचने वालों के लिए होगी बैठक
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) ने उन नेताओं की बैठक बुलाने का फैसला किया है, जो उदयपुर चिंतन शिविर (Udaipur Chintan Shivir) में पहुंच नहीं पाए थे। जिन्हें आमंत्रित किया जाएगा, इसमें दो राज्यों के मंत्री, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षों और पार्टी प्रवक्ता शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि एक दिवसीय बैठक जून में होने की संभावना है। इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भाग लेंगे।
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यह चिंतन शिविर की ही तर्ज पर होगी और इसमें एकतरफा बात नहीं होगी। इसमें कार्यकारी अध्यक्षों, राज्य सरकार के मंत्रियों और पार्टी के प्रवक्ताओं सहित लगभग 120 नेता भाग लेंगे। पार्टी के भीतर नाराजगी के बाद पार्टी को यह कदम उठाना पड़ा, क्योंकि कई नेताओं को चिंतन शिविर का निमंत्रण नहीं मिला।
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सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर में अपने उद्घाटन भाषण में कहा था कि जो यहां नहीं हैं, वे पार्टी के लिए उतने ही महत्वपूर्ण है, जितने यहां मौजूद हैं। उन्होंने कहा था, “मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि हमारे कई सहयोगी यहां रहना चाहते थे, लेकिन हमें कई कारणों से भागीदारी को सीमित करना पड़ा। मुझे यकीन है कि वे परिस्थिति को समझेंगे। यहां उनके नहीं होने से किसी भी तरह से हमारे संगठन में उनकी भूमिका का अवमूल्यन नहीं हो रहा है।” कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने चिंतन शिविर के बाद घोषणा की थी कि पार्टी महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से ‘भारत जोड़ो’ पदयात्रा शुरू करेगी और एक सप्ताह के भीतर आंतरिक सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स भी गठित करेगी।
उन्होंने उदयपुर में पार्टी के तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ (विचार-मंथन शिविर) के समापन दिवस पर अपने समापन भाषण में कहा था कि दिन-प्रतिदिन के कामकाज में कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने के लिए एक सलाहकार निकाय का भी गठन किया जाएगा। सोनिया गांधी ने कहा था, “हम इस साल गांधी जयंती से कश्मीर के लिए एक राष्ट्रीय कन्याकुमारी भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा सामाजिक सद्भाव के बंधन को मजबूत करने के लिए है, जो तनाव में है। हमारे मूलभूत मूल्यों को संरक्षित करना जरूरी है, क्योंकि देश के संविधान पर हमला हो रहा है। यात्रा के दौरान हमारे करोड़ों लोगों की दिन-प्रतिदिन की चिंताओं को उजागर किया जाएगा।”
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