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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2014 के बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों कई दफा करारी मात का स्वाद चखने के बाद देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस (Congress) ने अब बीजेपी और उसकी नीतियों को सीरियसली लेना शुरू कर दिया है। इसी फेहरिस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो केंद्र सरकार प्रख्यापित प्रमुख अध्यादेशों पर चर्चा करेगी और उसपर पार्टी का क्या रुख होगा इस बात का निर्धारण भी करेगी। इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
इस 5 सदस्यीय कमेटी में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश, डॉ अमर सिंह और गौरव गोगोई को शामिल किया गया है। जयराम रमेश को इस कमेटी का संयोजक बनाया गया है। गौरतलब है कि बीते वर्षों में कई बार यह देखने को आया है कि केंद्र द्वारा उठाए गए किसी भी कदम या निर्णय पर कांग्रेस पार्टी के नेता एक मत होने नहीं नजर आ पाते हैं। जिसके कारण पार्टी का रुख स्पष्ट कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब लग रहा है कि कांग्रेस ने अपनी इस कमी का पता लगा लिया है। जिसके समाधान के लिए और पार्टी को प्रत्येक मसलों पर एक मत करने के लिए इस तरह की कमेटी बनाई गई है।
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