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मरीजों के दिमाग पर भी असर डाल रहा Covid-19; इनकी मौत की संभावना 7 गुना ज्यादा, जानें
नई दिल्ली। चीन के वुहान से उपजे कोरना वायरस (Coronavirus) ने विश्व भर में उत्पात मचा रखा है। इस सब के बीच भारत इस महामारी का सबसे बड़ा गढ़ बनाता जा रहा है। देश में अबतक यह वायरस जहां एक लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका है। वहीं, अबतक 69 लाख से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इस बीच सामने आई एक स्टडी में एक बड़ा परेशान करने वाला दावा किया गया है। इस स्टडी की मानें तो फेफड़ों को प्रभावित करने वाला कोरोनावायरस अब मरीजों के दिमाग (Brain) पर भी गंभीर असर डाल रहा है। इस स्टडी में इस बात का पता चला है कि अस्पताल में भर्ती हुए कई मरीजों के मानसिक स्तर में बदलाव नजर आए हैं। मरीज कंफ्यूजन और प्रतिक्रिया ना देने जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
किस तरह के लक्षण और समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं मरीज; जानें
मेडिकल साइंस की भाषा में इस परेशानी को एंसेफेलोपैथी (Encephalopathy) के नाम से जाना जाता है। इस स्टडी के दौरान देखा गया कि एंसेफेलोपैथी का शिकार हो रहे मरीज बिना मानसिक बदलावों वाले मरीजों की तुलना में ये मरीज तीन गुना ज्यादा अस्पताल में रुके थे। इन सभी मरीजों में में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, कैंसर, सेरेब्रोवैस्क्युलर डिसीज, क्रोनिक किडनी बीमारी, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रोल, हार्ट फैलियर, हाइपरटेंशन या स्मोकिंग समेत कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने की संभावना ज्यादा थी।
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स्टडी के वरिष्ठ लेखक नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन में न्यूरो-इंफेक्शियस डिसीज और ग्लोबल न्यूरोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर आइगोर कोराल्निक ने बताया कि सामान्य मरीजों की तुलना में एंसेफेलोपैथी से जूझ रहे मरीजों में मौत की संभावना करीब सात गुना बढ़ जाती है। न्यूरोलॉजिकल लक्षणों को देखा जाए तो करीब 45% मरीजों में मांसपेशियों में दर्द, 38% मरीजों में सिरदर्द, करीब 30% मरीजों में चक्कर आने की शिकायत देखी गईं। जबकि, स्वाद या सूंघने की परेशानियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या कम थी।