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Coronavirus: मरीजों की संख्या हुई 324, सोनिया ने किसानों के लिए मांगा आर्थिक पैकेज
Last Updated on March 21, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। देश में अब तक कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के कुल 324 मामले सामने आ चुके हैं। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र-केरल और दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सबसे तेजी से सामने आ रहे हैं। इसके आलवा हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना में भी मरीजों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। इस सब के बीच कांग्रेस की अंतिरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बयान जारी कर पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार से कुछ खास मुद्दों पर एक्शन लेने की अपील की है। सोनिया गांधी ने अपने बयान में लिखा है कि इस महामारी में खुद की सुरक्षा और बचाव ही हथियार हैं।
ये हैं सोनिया गांधी के बयान के 7 मुद्दे
- बचाव के लिए टेस्टिंग सबसे ज्यादा जरूरी है। 130 करोड़ आबादी वाले इस देश में बताया जा रहा है कि सिर्फ 15 हजार 700 सैंपल ही टेस्ट किए गए हैं। इस महामारी की पहली ही सूचना मिल गई थी और दूसरे देशों से सबक लिया जा सकता था, ऐसा लगता है कि अभी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
- बेड्स, आइसोलेशन चैंबर्स, वेटिंलेटर्स और मेडिकल टीम के बारे में जानकारी की कमी दिख रही है। इसके लिए एक पोर्टल बनाने की जरूरत है जहां ये सारी जानकारी एक साथ मिले। साथ ही इसके लिए अलग से बजट तय करने की जरूरत है।
- मेडिकल टीम और संक्रमण के संदिग्ध लोगों के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट जैसे N95 मास्क, ग्लव्स, फेस शील्ड्स, गॉगल्स, हेड कवर जैसी चीजों की कमी की रिपोर्ट आ रही है जो चिंता की बात है। ऐसे में जब संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है तो इस प्रकार की कमी बहुत भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
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- हैंड सेनेटाइजर्स, फेस मास्क और लिक्विड सोप की कालाबाजारी की भी रिपोर्ट सामने आ रही है। सरकार की ये जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी चीजों की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में हो और इसके लिए जरूरी कार्रवाई की जाए।
- नोटबंदी और भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद अब कोरोनावायरस से लाखों मजदूरों, किसानों, वेतनभोगी कर्मचारियों, अस्थायी कर्मचारियों और असंगठित क्षेत्रों के लोगों को लिए बहुत बड़ा झटका लगा है। सरकार को इन लोगों की सीधे आर्थिक मदद समेत सामाजिक सुरक्षा के उपाय करने चाहिए।
- SME’s पर कोरोनावायरस के कारण भारी दबाव है। इस अप्रत्याशित दौर में अप्रत्याशी उपाय भी होने चाहिए। ऐसे में सरकार को हर सेक्टर के हिसाब से रिलीफ पैकेज का ऐलान करना चाहिए।
- कोरोनावायरस ने खेती-किसानी को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। हमारे किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूरों को चोट पहुंची है। इस बुरे दौर में बेमौसम बारिश और तूफान ने और नुकसान पहुंचाया है। सरकार को इस सेक्टर के लिए रिलीफ पैकेज के ऐलान का सोचना चाहिए।