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Coronil: बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज, राजस्थान सरकार ने कहा- ये ट्रायल नहीं फ्रॉड है
नई दिल्ली। कोरोना की दवा ‘कोरोनिल’ (Coronil) बनाने का दावा करने के बाद से योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) मुश्किलों में फंसते चले जा रहे हैं। मंगलवार को दवा लॉन्च होने के साथ ही अगले पांच घंटे बाद बाबा रामदेव की ओर से प्रचारित करने वाली दवा कोरोनिल की प्रचार पर रोक लगा दी गई। इसके बाद अब राजस्थान स्थित जयपुर (Jaipur) में उनके खिलाफ गांधी नगर थाने में शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत जयपुर के ही रहने वाले डॉ संजीव गुप्ता ने दर्ज कराई है। डॉ संजीव का कहना है कि बाबा रामदेव कोरोना की दवा बनाने का दावा करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
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राजस्थान सरकार भी दर्ज करवाएगी केस
इस बीच खबर मिली है कि राजस्थान सरकार (Rajatshan Govt) भी बाबा रामदेव पर सरकार केस दर्ज कराएगी। दरअसल बाबा रामदेव के संस्थान पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जिस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (निम्स) यूनिवर्सिटी के साथ मिलके कोरोना की दावा बनाने का दावा किया है। वह राजस्थान के जयपुर में स्थित है। इस पूरे मामले पर राजस्थान सरकार का कहना है कि बाबा रामदेव ने बिना परमिशन ट्रायल किया है। यह फ्रॉड है, ना कि ट्रायल। मरीजों का रिजल्ट निम्स में तीन के अंदर नहीं आता है। जिन पर ट्रायल किया गया, वो असिम्टोमेटिक केस थे और उसी दिन वह निगेटिव हो जाते हैं।
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पतंजलि ने बताया जयपुर में हुआ था ट्रायल
दावा के दावे पर सवाल उठने के बाद पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट (Patanjali Research Foundation Trust) की ओर से आयुष मंत्रालय को बताया गया कि ये क्लीनिकल ट्रायल जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (निम्स) में किया गया था। दावा किया गया कि उन्होंने हर नियम का पालन किया है, साथ ही आयुर्वेदिक साइंस सेंट्रल काउंसिल के डीजी को लूप में रखा था। ऐसे में निम्स में ट्रायल किए जाने की बात सामने आने के बाद राजस्थान सरकार हरकत में आ गई है। इस मसले पर सरकार का कहना है कि पतंजलि ने कोई परमिशन नहीं ली थी। सरकार की तरफ से इस बात का दावा किया गया है कि निम्स में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तीन दिन में नहीं आती है और जिन मरीजों पर ट्रायल किया गया, वह उसी दिन निगेटिव हो जाते हैं।