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पंचायतों में भ्रष्टाचार की होगी Vigilance जांच, सरकार तीन महीने के भीतर लेगी Action
Last Updated on March 3, 2020 by
लेखराज धरटा/ शिमला। कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान के पंचायतों में सरकारी पैसे के दुरुपयोग से संबंधित सवाल के जवाब में सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर पंचायतों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की सरकार विजिलेंस जांच करवाएगी। इस मामले में सरकार तीन महीने के भीतर एक्शन लेगी। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वह कार्रवाई होने पर किसी भी दोषी को बचाने की सिफारिश ना करे।
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हर्षवर्धन चौहान के मूल सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि 31 जनवरी, 2020 तक विकास खंड शिलाई के खिलाफ 15 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसमें से 8 शिकायतों (Complaints) के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है। छह मामलों में प्रारंभिक जांच विचाराधीन है। इस मामले को बीजेपी विधायक राकेश पठानिया और कांग्रेस विधायक ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी उठाया और सरकार से उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की।
विधायक सुरेंद्र शौरी के एक सवाल के जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि एनएचपीसी चरण एक और चरण दो परियोजना से सैंज घाटी या कुल्लू जिले में कोई भी परिवार विस्थापित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजनाओं से कुछ परिवार प्रभावित हुए हैं और प्रभावितों को सिर्फ मुआवजे का प्रावधान है, ना की नौकरी का। उन्होंने कहा कि सरकार एनएचपीसी के साथ हुए समझौते के मुताबिक प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद का प्रयास करेगी।
विधायक कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर के एक सवाल के जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि जुलाई 2019 तक प्रदेश के विभिन्न विभागों में 349 भवन अप्रयुक्त पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो भवन मरम्मत योग्य हैं, उनकी रिपेयर करवाई जा रही है, जबकि रिपेयर न हो सकने वाले भवनों को गिराकर नए भवन के लिए प्राकल्लन तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयुक्त हो सकने वाले भवनों के उपयोग के लिए सरकार उपायुक्तों के माध्यम से संभावनाएं तलाश रही है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक 107 भवन शिक्षा विभाग के पास खाली पड़े हैं, जिनमें से 105 भवन प्राइमरी स्कूलों के हैं। विधायक सुभाष ठाकुर और अरूण कुमार और परमजीत पम्मी और लखविंद्र राणा ने भी अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित सवाल पूछे।