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जेबीटी बनाम बीएड मामलाः कोर्ट से बीएड डिग्री धारकों को लगा जोर का झटका
जेबीटी भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारकों को पात्र माने जाने के मामले में आज एक बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई गैजेट 2018 की अधिसूचना रद कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को जेबीटी धारकों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है।हिमाचल में शिक्षा विभाग में होने वाली जेबीटी भर्ती में ग्रेजुएशन में 50 फ़ीसदी अंकों के साथ बीएड को भी पात्र माना गया था, जिसका जेबीटी संघ लगातार विरोध कर रहा था लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई गैजेट 2018 की अधिसूचना रद्द कर दिया है।यह जानकारी देते हुए जेबीटी संघ पूर्व अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि 2019 से चले इस विवाद में अब विराम लग चुका है। हिमाचल हाई कोर्ट ने भी बीएड उम्मीदवारों को गत वर्ष नवम्बर 2021 में जेबीटी के जगह पात्र माना था। जेबीटी संघ ने हाईकोर्ट के फ़ैसले पर रिव्यू डाल कर स्टे ले लिया था। उसके बाद से यह केस फिर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा और आज उनके पक्ष में फैसला आया है।
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अभिषेक ठाकुर ने कहा कि प्रशासनिक आदेशों के चलते एनसीटीई के इस काले क़ानून के कारण बेरोज़गार प्रशिक्षुओं को भारी नुक़सान हुआ है। कोर्ट के इस फैसले से 40,000 जेबीटी प्रशिक्षुओं को लाभ होगा। जाहिर है हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशालय द्वारा की जा रही जेबीटी भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारकों को पात्र माने जाने पर जेबीटी प्रशिक्षु नाराज थे और वे इसका लगातार विरोध कर रहे थे लेकिन शिक्षा निदेशाल्य लगातार एनसीटीई गैजेट 2018 का हवाला देकर भर्तियां करवाने के आदेश दे रहा था।