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रोहड़ू में देवता खंटू की शांद महायज्ञ में निभाई शिखा फेर की मुख्य रस्म
Last Updated on January 8, 2020 by Sintu Kumar
रोहड़ू। उपमंडल की रणसार घाटी के रनोल में देवता खंटू महाराज के सानिध्य में 29 वर्षों के बाद शांद महायज्ञ का देवताओं व खूंदों के आगमन से आगाज हुआ। बुधवार को भारी बर्फबारी के बीच शांद महायज्ञ में रस्में निभाई गईं। जिसमें भारी संख्या में लोग रनोल पहुंचे। आज शांद महायज्ञ में शिखा फेर की मुख्य रस्म निभाई गई। जिसमें देवताओं के गुरों ने नंगे पांव बर्फबारी के बीच नृत्य किया।
बता दें कि बीते रोज महायज्ञ के संघेड़ा के दिन में क्षेत्र के 8 खूदों में रोहल, जाबल, पुजारली, थली, देवीधार के देवता सहित धगोली, नडला व टोडसा के परशुराम महाराज व चार स्थानीय महासु देवता अपने देवालयों के साथ रनोल पहुंचे थे। शांद महायज्ञ में गुरुवार को उछड़ पाछड़ रस्म के साथ देवताओं की विदाई होगी। देवताओं का संघ हथियारों से लैस देवलुओं का नृत्य कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहेगा।
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