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सोनिया गांधी बोलीं, यह कांग्रेस पार्टी का कर्ज चुकाने का समय
नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर होने जा रहा है। इस चिंतन शिविर में चुनावों (Elections) में मिली हार के बाद किन मुद्दों पर चर्चा होगी, उसके लिए कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress Working Committee) की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि अब पार्टी का कर्ज चुकाने का टाइम आ गया है। हमें आत्म आलोचना की जरूरत है, लेकिन ये इस तरह नहीं किया जाना चाहिए] जिससे आत्मविश्वास पर नकारात्मक असर ना पड़े। सोनिया गांधी ने कहा कि उदयपुर (Udaipur) में आयोजित चिंतन शिविर में हमारे करीब 400 सहयोगी शामिल होंगे। इनमें से अधिकतर पार्टी के संगठन या केंद्र की सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
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इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रमोद तिवारी भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस ने चिंतन शिविर के लिए पहले से ही कुछ कमेटियों का गठन कर दिया था। हर कमेटी में एक संयोजक रखा गया है और खास बात ये है कि कमेटी का नेतृत्व करने वाले ज्यादातर नेता पार्टी के नाराज गुट जी-23 से हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी मंचों पर आत्म-आलोचना की जरूरत है, लेकिन इस तरह नहीं की जानी चाहिए कि आत्मविश्वास, मनोबल ही टूट जाए। सोनिया गांधी का कहना था कि नवसंकल्प चिंतन शिविर रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें पार्टी का पुनर्गठन प्रतिबिंबित होना चाहिए।
सोनिया गांधी ने पार्टी के पुनरुद्धार के लिए एकता, एकजुटता, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता का स्पष्ट संदेश उदयपुर से देने की अपील की। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि कोई जादू की छड़ी नहीं है। ये केवल निस्वार्थ कार्य, अनुशासन और निरंतर सामूहिक उद्देश्य की भावना से ही संभव हो सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) ने ये भी कहा कि चिंतन शिविर निरंतर होने वाला एक आयोजन बनकर नहीं रह जाना चाहिए। हम इस शिविर से सामने वाली वैचारिकए चुनावी और प्रबंधकीय चुनौतियों का सामना करने के लिए एक पुनर्गठित संगठन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने पार्टी के संविधान में संशोधन के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि ये डिजिटल सदस्यता के साथ करना है।