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उत्तरी आयरलैंड हिंसा खत्म कराने वाले नोबेल विजेता John Hume का निधन; दलाई लामा ने जताया शोक
Last Updated on August 4, 2020 by Deepak
मैक्लोडगंज। अपने निवास क्षेत्र उत्तरी आयरलैंड में हिंसा खत्म कराने में काम करने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जॉन ह्यूम (Nobel laureate John Hume) का निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। वह 83 वर्ष के थे और कई साल से बीमार चल रहे थे। तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा (Dalai Lama) ने जॉन ह्यूम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। ह्यूम की पत्नी को लिखे शोक संदेश में दलाई लामा ने लिखा, ‘मुझे प्रसन्नता है कि उत्तरी आयरलैंड की कुछ यात्राओं में से एक यात्रा के दौरान आपके पति से मुलाकात कर सका। संघर्ष को सुलझाने के लिए बातचीत और बातचीत की शक्ति में उनका गहरा एवं अटूट विश्वास था।’
ह्यूम ने जो सार्थक जीवन जीया वह दूसरों के लिए एक उदाहरण
John Hume’s deep conviction in the power of dialogue and negotiations to resolve conflict was unwavering. It was his leadership and his faith in the power of negotiations that enabled the 1998 Good Friday Agreement to be reached — an example for us all. https://t.co/bPXcNndiSw
— Dalai Lama (@DalaiLama) August 4, 2020
उन्होंने लिखा, ‘यह उनका नेतृत्व और बातचीत की ताकत में भरोसा ही था जिसकी वजह से वर्ष 1988 में गुड फ्राइडे समझौते तक पहुंचा जा सका। उनकी स्थिर दृढ़ता ने हमें उसका अनुसरण करने के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।’ दलाई लामा ने कहा, ह्यूम की संघर्ष को सुलझाने के लिए शांति और अंहिसा के प्रति प्रतिबद्धता थी। इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता था कि वह कितना जटिल एवं कठिन है। उन्होंने जो सार्थक जीवन जीया वह दूसरों के लिए एक उदाहरण है।
उदारवादी सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी के कैथोलिक नेता ह्यूम को उत्तरी आयरलैंड में 1998 के शांति समझौते का मुख्य सूत्रधार माना जाता है। क्षेत्र में जातीय हिंसा को समाप्त करने में भूमिका निभाने के लिए उन्हें अल्स्टर यूनियनिस्ट पार्टी के प्रोटेस्टेंट नेता डेविड ट्रिंबल के साथ नोबेल पुरस्कार मिला था। तीन दशक से जारी हिंसा में वहां 3500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।