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Wrestlers Protest: दिल्ली पुलिस का बृजभूषण की गिरफ्तारी से इनकार, बताया ये कारण
दिल्ली में पहलवानों के धरना प्रदर्शन और तमाम तरीके से बनाए जा रहे दबाव के बावजूद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) को अभी तक गिरफ्तारी नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्हें बृजभूषण के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
बता दें कि देश के शीर्ष पहलवानों (Wrestlers) ने 23 अप्रैल से बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण ने एक नाबालिग समेत कई महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न किया है।
जांच हुई थी शुरू
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पहलवानों को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराने में कामयाबी मिली। जिसके बाद फिर आरोपों की जांच शुरू हुई थी।
नहीं मिला कोई सबूत
बताया जा रहा है कि बृजभूषण को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस को पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। दो हफ्तों के अंदर-अंदर दिल्ली पुलिस अपनी रिपोर्ट दाखिल कर सकती है, जो कि चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट भी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस द्वारा कई लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं और कई गवाहों के बयान भी रिकॉर्ड किए है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की एक जजमेंट कहती है कि जिस केस में सात साल की सजा है उसमें गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है।
जांच के बाद किया केस दर्ज
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोप पुराने हैं इसलिए पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज किया। उन्होंने कहा कि हमें ये अधिकार है कि हम जांच के बाद मामला दर्ज करें। उनका कहना है कि इस मामले में हमें कई दस्तावेज मिले हैं, जिनकी अलग-अलग स्तर पर जांच चल रही है।
जीत की तरफ पहला कदम
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 28 अप्रैल को दो एफआईआर दर्ज की थी। इसे पहलवानों ने जीत की तरफ पहला कदम बताया था।
एफआईआर की थी दर्ज
इसके बाद पुलिस ने एक नाबालिग आरोपी की शिकायत पर बृजभूषण सिंह पर पॉक्सो एक्ट भी लगाया था। इसके अलावा बालिग पहलवानों की शिकायत पर एक अन्य एफआईआर भी दर्ज की थी।
क्यों नहीं हो रही गिरफ्तारी
बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दे रही है, जिसमें 41 ए के तहत सात साल से कम सजा वाले केस में आरोपी की गिरफ्तारी जरूरी नहीं है।
मेडल बहाने पहुंचे पहलवान
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट मंगलवार को अपने मेडल को गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार पहुंच गए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल लिया और पांच दिन की मोहलत देते हुए मेडल्स को किसान नेता राकेश टिकैत को सौंप दिया। बृजभूषण की गिरफ्तारी को लेकर पहलवानों ने आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है।
अपनी बात पर हूं कायम
वहीं, बृजभूषण ने एक बार फिर पहलवानों से अपने खिलाफ सबूत की मांग की। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित होता है तो मैं खुद फांसी पर लटक जाऊंगा। आज भी मैं इसी बात पर कायम हूं।
मेडल बहाने से नहीं होगी फांसी
बृजभूषण ने कहा चार महीने हो गए हैं और पहलवान अभी भी मेरी फांसी चाहते हैं, लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वे अपने मेडल गंगा में बहाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृजभूषण को फांसी नहीं मिलेगी। अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायालय को दो फिर न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है।
पुलिस से हुई झड़प
गौरतलब है कि ये पहलवान दिल्ली जंतर मंतर पर अपना धरना दे रहे थे, जहां पर रविवार को पुलिस से उनकी झड़प हो गई। दरअसल, रविवार को नए संसद भवन के सामने महिला पंचायत बुलाई गई थी, वहां जाने के लिए पहलवानों ने मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इसी दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई।
इसी दौरान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में से 109 पहलवानों समेत 700 लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया।
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन को लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ-साथ आयोजकों और समर्थकों के खिलाफ दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
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