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हमारे देश में आधार कार्ड एक बेहद जरूरी दस्तावेज है। भारत में सरकारी कामकाज से लेकर बैंकिंग के कामों तक के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य है। यूआईडीएआई (UIDAI) समय-समय पर आधार से संबंधित जानकारियां देती रहती है। अब यूआईडीएआई ने आधार कार्ड से जुड़े फर्जीवाड़े व धोखाधड़ी को लेकर एक नया प्लान बनाया है। दरअसल, अब यूआईडीएआई ने आधार कार्ड से जन्म और मृत्यु के डेटा को जोड़ने का फैसला लिया है।
यूआईडीएआई के नए प्लान के तहत अब नवजात शिशु को अस्थाई आधार कार्ड नंबर जारी किया जाएगा और फिर बाद में इस आधार कार्ड नंबर को बायोमेट्रिक डेटा के साथ अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा मृत्यु के पंजीकरण के रिकॉर्ड को भी आधार कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा। यानी अब आधार कार्ड के साथ हर व्यक्ति के जन्म (Birth) से लेकर मृत्यु (Death) तक के आंकड़े जोड़े जाएंगे। यूआईडीएआई का मानना है कि ऐसा करने से आधार कार्ड का दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।
यूआईडीएआई के अनुसार, जन्म के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने से ये सुनिश्चित होगा कि बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। ऐसा करने से कोई भी सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वंचित नहीं रहेगा। ऐसे ही मृत्यु के डेटा को आधार कार्ड के साथ जोड़ने से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। दरअसल, अब यूआईडीएआई की तरफ से जीरो आधार (Zero Aadhaar) अलॉट करने की योजना बनाई जा रही है। इससे फर्जी आधार नंबर जेनरेट नहीं होंगे। जीरो आधार नंबर ऐसे लोगों को दिया जाता है जिनके पास जन्म, निवास या आय का कोई प्रमाण नहीं होता है।
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