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कोरोना काल में घट गया डिजिटल ट्रांजैक्शन,नकदी ने छू लिया रिकॉर्ड-हिमाचल भी अछूता नहीं
कोरोना काल में बहुत सारे बदलाव लगातार देखने को मिल रहे हैं। उन्हीं में से एक बदलाव ट्रांजैक्शन यानी लेनदेन को लेकर भी सामने आया है। महामारी के इस दौर में लगातार दूसरे माह डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) में गिरावट आई है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल लेनदेन घटा है तो नकदी का चलन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण ये माना जा रहा है कि महामारी की अनिश्चितता को देखते हुए लोगों ने नकदी को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। आरबीआई के आंकड़े भी बता रहे हैं कि मार्च 2021 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का चलन बढ़कर 28.6 खरब पहुंच गया है। जोकि बीते वर्ष के मुकाबले 16.8 फीसदी ज्यादा है। नकदी के चलन (Cash Flow) में आई बढ़ोतरी 2010-11 के बाद से सबसे ज्यादा है। डिजिटल लेनदेन में कमी कई राज्यों में लॉकडाउन व कोरोना कर्फ्यू के कारण भी आई है। इनमें हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) भी एक है,जहां कोरोना चेन को तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाया हुआ है। डिजिटल ट्रांजेक्शन के कम होने का असर हिमाचल पर भी पडा है।
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आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच डिजिटल भुगतान में लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू का सबसे ज्यादा असर (Fastag) फास्टैग पर पड़ा है। मई में फास्टैग से 11.64 करोड़ लेनदेन हुए जो अप्रैल व मार्च की तुलना में क्रमशरू 29 फीसदी और 39 फीसदी कम है। इसी तरह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) से लेनदेन घटा है। एनईएफटी से लेनदेन 10 फीसदी गिरकर 25.65 करोड़ रह गया और इससे 18 लाख करोड़ रूपए का लेनदेन हुआ। आरटीजीएस से मई में लेनदेन 18 फीसदी घटकर 1.23 करोड़ रह गया, जिससे 83.66 लाख करोड़ रूपए का लेनदेन हुआ। याद रहे कि बीते वर्ष मई के बाद से डिजिटल लेनदेन में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग नकदी को छोड़ डिजिटल लेनदेन की ओर बढ रहे थे। लेकिन अब उसके उलट चल रहा है।
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