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वाराणसी। दक्षिण भारतीय मंदिरों में प्रवेश के लिए अक्सर नियमों का पालन करना होता है और उसमें सबसे अहम होता है ड्रेस कोड। उज्जैन के महाकाल मंदिर और अन्य की तर्ज पर अब वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath temple) में भी ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। अब जो भक्त भगवान को छूकर उनकी पूजा और दर्शन करना चाहते हैं उन्हें विशेष प्रकार की ड्रेस ही पहननी होगी। यह ड्रेस कोड (Dress code) महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए लागू कर दिया गया है। पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहननी होगी। इन्हीं पारंपरिक वस्त्रों के धारण करने के बाद ही काशी विश्वनाथ को स्पर्श किया जा सकेगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर तय की गई नई व्यवस्था के तहत अब जींस, पैंट, शर्ट और सूट पहने लोग दर्शन तो कर सकेंगे लेकिन उन्हें स्पर्श दर्शन (Sparsh darshan) करने की अनुमति नहीं होगी। काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू होने के साथ-साथ स्पर्श दर्शन की अवधि भी बढ़ाई जा रही है। इस आशय का निर्णय मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषत के विद्वानों की हुई बैठक में लिया गया।
यह नई व्यवस्था मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के बाद लागू होगी और मंगला आरती से लेकर दोपहर की आरती तक प्रतिदिन यह व्यवस्था लागू रहेगी। विद्वानों की सहमति से तय हुआ कि विग्रह स्पर्श के लिए पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाएं को साड़ी पहननी होगी। पैंट शर्ट, जींस, सूट, कोट पहने श्रद्धालु स्पर्श करने की बजाए सिर्फ दर्शन कर सकेंगे। ऐसी व्यवस्था उज्जैन के महाकाल समेत दक्षिण भारत के कई मंदिरों में लागू है।
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