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Big Breaking: निजी बसों के Driver-Conductor का कांगड़ा अड्डे पर धरना,नहीं चलाएंगे बसें
कांगड़ा। पहली जून यानी सोमवार से बसों के संचालन से पहले निजी बसों (Private Buses) के चालक-परिचालक (Driver-Conductor) कांगड़ा स्थित बस अड्डे पर धरने पर बैठ गए हैं। ये लोग अपनी सुरक्षा कर दुहाई देकर ये सवाल खड़ा कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा का ध्यान कौन रखेगा। उन्हें रंज इस बात का है कि बीते दो माह से वह घर पर बैठे थे,अब बस ऑपरेटर उन्हें सोमवार से बसों के संचालन के लिए कह रहे हैं। वह भी बिना किसी सुरक्षा इंतजामों के। जहां तक कि उन्हें मॉस्क भी अपने लाने को कहा जा रहा है। ऐसे में वह कैसे बसों को चला सकते हैं, उन्होंने बीते दो माह से वेतन ना मिलने का भी मसला उठाया है। इसके चलते उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि वह इस स्थिति में बसें नहीं चलाएंगे।
वेतन नहीं मिलने तक नहीं चलाएंगे बसें
लॉकडाउन. 0 4 (Lockdown-04) खत्म होने के साथ प्रदेश में सोमवार से परिवहन सेवाएं शुरु होनी है। लेकिन कांगड़ा से चलने वाली निजी बसों के चालक-परिचालकों अपने वेतन व सुरक्षा संबंधी मांगों को लेकर बसें ना चलाने को लेकर अड़ गए हैं। रविवार को ये सभी चालक व परिचालक कांगड़ा स्थित बस अड्डे (Kangra Bus stand) पर एकत्र होकर घरने पर बैठ गए। इन लोगों का कहना है कि जब से लॉकडाउन शुरु हुआ है तब से बसों के मालिकों ने उनकी सुध नहीं ली और न ही उन्हें कोई वेतन दिया गया है। ऐसे में अब अगर सोमवार से बसें चलनी है तो कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उनके पास सुरक्षा के कोई साधन नहीं है। चालकों-परिचालकों का कहना है कि यहां तक कि उन्हें मॉस्क (Mask) तक घर से लाने को कहा है। ऐसे में वे बसें कैसे चला सकते हैं इसके अलावा उनकी इंश्योरेंस तक नहीं की जाती है अगर वे इस दौरान संक्रमण के शिकार हो जाते हैं तो जिम्मेदार कौन होगा। दूसरी तरफ एचआरटीसी की बसों में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है और चालक व परिचालकों का इंश्योरेंस किया जाता है। चालकों व परिचालकों का कहना है कि जब तक उनका पूरा वेतन नहीं मिल जाता और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था नहीं होती वे बसें नहीं चलाएंगे।
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