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नवरात्र की अष्टमी पर ऐसे करें मां महागौरी की पूजा, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगी यश-कीर्ति
Last Updated on March 29, 2023 by sintu kumar
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कल्याणकारी है मां महागौरी की पूजा
महागौरी की पूजा-अर्चना सभी विपत्तियों का नाश करती हैं। मां की चार भुजाओं में त्रिशूल और डमरू विराजमान, शंख चंद और कुंद के फूल से होती है । मां भगवती का यह स्वरूप अत्यंत गौर्ण, प्राकशमय और ज्योर्तिमय है। मान्यताओं के मुताबिक महागौरी के बीज मंत्र का जाप करने से घर में सुख-शांति (Peace And Harmony) बनी रहती है। कई वर्षों तक तपस्या करने के बाद मां पार्वती का रंग हुआ था गौर वर्ण और ये भगवान शिव (Lord Shiva) के वरदान से महागौरी कहलाईं । महागौरी को सौम्य देवी के रूप में पूजा जाता है। महागौरी का वाहन वृषभ है। इसके साथ ही देवी मां की चार भुजाएं है। मां के एक हाथ में त्रिशूल, एक में डमरू, तीसरे में अक्षय मुद्रा और चौथे में वर मुद्रा में हैं।
मां महागौरी की पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर गंगा जल छिड़ककर शुद्ध करें, फिर माता की मूर्ति की स्थापिना करें।
- माता को पंचामृत से स्नान कराएं।
- गणेश पूजन और कलश पूजन के बाद मां महागौरी की पूजा प्रारंभ करें।
- माता को गुड़हल का फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, पान, सुपारी आदि अर्पित करें और माता का श्रंगार कर मिठाई का भोग लगाएं।
- फिर धूप, दीप, अगरबत्ती कर महागौरी की पूजा का पाठ करें। फिर अंत में माता की आरती करें।
- माता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है, इस दिन माता को गुड़हल का फूल अर्पित करने और मिठाइयों का भोग लगाने से सुख समृद्धि के साथ सौभाग्य की प्राप्ति होती है।