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नई दिल्ली। बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2020-2021 (Economic Survey) पेश की। रिवायत के अनुसार आर्थिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है, लेकिन बजट पहली फरवरी को पेश होना है 31 जनवरी को रविवार है। ऐसे में आज शुक्रवार को बजट सत्र (Budget Session) के पहले दिन आर्थिक सर्वे पेश किया गया। आर्थिक सर्वे के मुताबिक इस साल भारत की जीडीपी -7.7 फीसदी (GDP) रहने का अनुमान है। इसके बाद 2021-22 में जीडीपी में सुधार (GDP Improvement) का अनुमान है और जीडीपी 11 फीसदी रहेगी। इस साल कोरोना (Corona) महामारी के चलते जीडीपी में भारी गिरावट या संकूचन (Shrink) दर्ज किया गया है। कोरोना के कारण देशभर में किए गए लॉकडाउन के दौरान जीडीपी 23.9 फीसदी घट गई थी।
इस साल अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा बड़ा सहारा कृषि ही रहेगी। इस साल कृषि विकास दर 3.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। ऐसे में जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी। पिछले साल कृषि की विकास दर 17.8 फीसदी थी। कृषि के अलावा अर्थव्यवस्था के लिए दो सेक्टर इंडस्ट्री और सर्विस महत्वपूर्ण हैं। औद्योगिक क्षेत्र में इस साल 9.6 फीसदी गिरावट रहने का अंदेशा आर्थिक सर्वे में जताया गया है। इसके अलावा सर्विस सेक्टर की ग्रोथ भी -8.8 फीसदी रहने की आशंका है। भारत में इससे पहले जीडीपी में 1979-80 में सबसे अधिक 5.2 फीसदी की कॉन्ट्रेक्शन देखी गई थी।
आर्थिक सर्वे में देश की आर्थिक विकास का अनुमान लगाया जाता है। इस सर्वे से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था का क्या है और देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा की ओर बढ़ रही है। इस सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार की टीम तैयार करती है। इस समय मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम हैं। वित्त मंत्री इस आर्थिक सर्वे को सदन में बजट सत्र में पेश करती हैं। खास बात यह है कि इस आर्थिक सर्वे में सरकार को अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं, लेकिन सरकार पर इन सिफारिशों को लागू करने की बाध्यता नहीं रहती।
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