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खोखले वादे ना करने की दी हिदायत-हिमाचल के लिए है बड़ा अलर्ट
हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग (Election Commission) ने सभी राजनीतिक दलों को एक पत्र लिखकर चुनावी वादों (Election Promises) को लेकर आगाह किया है। इसमें राजनीतिक दलों (Political Parties) से कहा गया है कि वह कोई भी खोखला चुनावी वादा ना करें। जो भी चुनावी वादा किया जाए उसमें इस बात का ख्याल रखा जाए कि क्या वह आर्थिक रूप से क्या पूरे किए जाने लायक हैं। अब ऐसे में ये तय है कि हिमाचल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को इस हिदायत के अनुरूप ही काम करना होगा।
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आयोग ने पत्र (Letter)में कहा है कि वह चुनावी वादों पर पूर्ण जानकारी ना देने और उसके वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले अवांछनीय प्रभाव की अनदेखी नहीं कर सकता है। खोखले चुनावी वादों के दूरगामी प्रभाव होते हैं। राजनीतिक दलों द्वारा किए गए चुनावी वादों की घोषणा संबंधी प्रस्तावित प्रारूप में तथ्यों को तुलना योग्य बनाने वाली जानकारी की प्रकृति में मानकीकरण लाने का प्रयास किया गया है। पत्र में कहा गया है कि वादों के वित्तीय निहितार्थ (Financial Implications) और वित्तीय संसाधनों (Financial Resources) की उपलब्धता की घोषणा करना अनिवार्य है। सुधार के प्रस्ताव के जरिए, निर्वाचन आयोग का मकसद मतदाताओं को घोषणा पत्र में चुनावी वादों की वित्तीय व्यवहार्यता के बारे में बताना है। साथ ही यह भी बताना है कि क्या वे राज्य या केंद्र सरकार की वित्तीय क्षमता के भीतर हैं या नहीं। यानी इस चुनाव में मतदाता (Voters) खोखले चुनावी वादों से बच सकेंगे।