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शानदार! वीरान भूमि में इस ऑटोमोबाइल इंजीनियर ने उगा दिया सेब का बगीचा
मंडी। मिनी पंजाब के नाम से जानी जाने वाली मंडी जिला की बल्ह घाटी की नलसर पंचायत के ख्यूरी अव्वल गांव निवासी नीरज कुमार ने वीरान पड़ी भूमि पर अपना शौक पूरा करने के लिए सेब का बगीचा उगा दिया। पेशे से ऑटोमोबाइल इंजीनियर नीरज कुमार एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। किसानी और बागवानी का शौक भी रखते हैं। नीरज के घर के पास एक बीघा जमीन वीरान पड़ी थी। नीरज को इस जमीन पर कुछ नया करने की सूझी। उन्होंने बिलासपुर से सेब के 60 पौधे खरीद कर लाए और वीरान पड़ी भूमि पर रोप दिए। जनवरी महीने में रोपे गए इन पौधों की आज लंबाई 5 फीट से भी अधिक की हो गई है। 60 में से मात्र दो पौधे ऐसे निकले जो कामयाब नहीं हो सके, बाकी 58 पौधे अच्छी तरह से फल-फूल रहे हैं। नीरज अपने परिवार सहित रोजाना इन पौधों की अच्छी तरह से देखभाल कर रहे हैं।
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माना जाता है कि सेब की पैदावार ठंडे और बर्फबारी वाले इलाकों में होती है। लेकिन पिछले कुछ समय से सेब की नई प्रजातियां आने से अब इसकी पैदावार गर्म इलाकों में भी संभव हो पा रही है। मंडी जिला की बल्हघाटी भी मैदानी और गर्म इलाकों में शुमार है। इसलिए इसे मिनी पंजाब भी कहा जाता है। नीरज ने यहां पर सेब के जो पौधे लगाए हैं, उनमें डोरसेट और ऐना प्रजातियां शामिल हैं। नीरज को पूरी उम्मीद है कि उनके द्वारा लगाए गए पौधे भविष्य में उन्हें इसका सही फल देंगे। नीरज ने बताया कि परिणाम सही आने पर वे और भी पौधे लगाएंगे। निश्चित रूप से नीरज ने अपने शौक को पूरा करने के लिए जो नई तरकीब सोची, वो तारीफ-ए-काबिल है। नीरज उन लोगों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं जो मैदानी इलाकों में सेब की पैदावार को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों से दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी और बागवानी के प्रति रूझान भी बढ़ेगा।
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