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अस्पताल के सेप्टिक टैंक में बच्ची मौत मामला, पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट परिजन, मांगा इंसाफ
Last Updated on February 11, 2020 by Deepak
ऊना। दौलतपुर अस्पताल में अढ़ाई बर्षीय बच्ची की सेप्टिक टैंक में गिरने से हुई मौत के मामले में परिजन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। मृतका परी की मां और पिता पिछले 19 दिनों से रो-रोकर अपनी बच्ची को इन्साफ मिलने की राह देख रहे हैं। लेकिन, आज दिन तक किसी ने भी इस परिवार की सुध नहीं ली है। परी के परिजन अब सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले में प्लंबर को जिम्मेदार ठहरा रहा है। वहीं पुलिस 20 दिन बीत जाने के बाद भी जांच जारी होने का दावा कर रही है।
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बता दें कि सिविल अस्पताल दौलतपुर में 24 जनवरी को डंगोह गांव के भूपिंदर और कमलेश अपनी अढ़ाई वर्षीय बच्ची परी के साथ अपने रिश्तेदार का कुशलक्षेम जानने गए थे, लेकिन बच्ची उनकी आंखों से औझल हो गई। जो बाद में अस्पताल परिसर में बने सेप्टिक टैंक में मिली। मामले में एसपी ऊना ने डीएसपी अम्ब को जांच का ज़िम्मा सौंप दिया था और 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सबमिट करने को कहा था लेकिन अभी तक इस मामले में जांच ही पूरी नही हुई। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की अब तक की जांच से मृतका परी के परिजन संतुष्ट नहीं है। वहीं, परी की मां ने अपनी बेटी को इन्साफ के लिए अस्पताल में धरना देने का मन बना लिया है।
क्या कहते हैं सीएमओ और एएसपी ऊना
स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ रमन कुमार का कहना है कि मामला सामने आने के बाद जांच की गई थी और जांच में पाया गया कि प्लंबर ने सेप्टिक टैंक की रिपेयर के बाद उसे ठीक से नहीं ढका, जिस कारण यह हादसा पेश आया। वहीं, सीएमओ भी मानते है कि इस मामले में कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन की भी लापरवाही है। वहीं, एएसपी ऊना विनोद धीमान ने कहा कि इस मामले एफआईआर दर्ज की गई है और पहले ही परिजनों के जांच से संतुष्ट न होने के चलते मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी अंब को सौंपा गया है। एएसपी ने कहा कि पुलिस इस मामले में गहनता से जांच कर रही है।