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बिन बारिश “हाल-ए हिमाचल”
हमीरपुर। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। हिमाचल की बात करें तो प्रदेश के बड़े हिस्से में लोग खेती बाड़ी करते हैं। इस पहाड़ी प्रदेश के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां की खेती किसानी बारिश पर ही निर्भर है। ऐसे में बदलते मौसम के चलते अगर बारिश न हो तो दिक्कत होना स्वाभाविक ही है। हमीरपुर जिला की बात करें तो यहां की 90 फीसदी हेक्टेयर भूमि बारिश पर निर्भर है। किसान बारिश के इंतजार में अभी तक गेहूं बिजाई नहीं कर पाए हैं। सब्जियों का कारोबार भी दिन-.प्रतिदिन आगे चल रहा है। लंबे समय से बारिश न होने से किसानों की दिक्कतें बढ़ना शुरू हो गई है। इसके अलावा बागबानों की प्लांटेशन पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। बागबानों के पौधे कोहरे की चपेट में आकर नष्ट हो रहे हैं।
हमीरपुर जिला में करीब 35 हजार हेक्टेयर भूमि में किसान खेतीबाड़ी का कारोबार कर रहे हैं। इसमें चार हजार हेक्टेयर के करीब भूमि में सब्जियां उगाई जा रही हैं। जिला में सिंचाई की सुविधा नामात्र हैए करीब सात से आठ फीसदी हेक्टेयर भूमि पर ही सिंचाई हो रही है। ऐसे में किसान बारिश पर ही निर्भर हैं। वे चाहकर भी खेतीबाड़ी नहीं कर पा रहे हैं।सबसे ज्यादा नुकसान सब्जियों का कारोबार करने वाले किसानों को हो रहा हैए क्योंकि समय पर बारिश न होने से सब्जियों की बिजाई का कार्य भी लेट हो रहा है। यही नहीं जिन किसानों ने प्याज व गोभी की पनीरी बड़े पैमाने पर पर उगाई थी पर उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। वे किसान बारिश न होने के चक्कर में पनीरी खेतों में नहीं लगा पा रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे हालात में किसानों को कम पानी की फसलों को उगाने का प्रयास करना चाहिएए ताकि कम बारिश में किसान अच्छी पैदावार हासिल कर सकें।